प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रोएशिया की राजधानी ज़ाग्रेब से एक बार फिर दुनिया को शांति और कूटनीति का संदेश दिया है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब दुनियाभर में सैन्य तनाव और संघर्ष की स्थितियां बढ़ रही हैं, खासकर पश्चिम एशिया में इज़रायल और ईरान के बीच।
युद्ध नहीं, कूटनीति ही रास्ता है
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि—
“यह युद्ध का समय नहीं है। समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदानों से नहीं, बल्कि बातचीत और कूटनीति से निकलता है।”
उनकी यह टिप्पणी यूरोप से लेकर एशिया तक के संघर्षों पर भारत के स्पष्ट रुख को दर्शाती है। उन्होंने यह भी दोहराया कि क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान हर देश के लिए अनिवार्य है।
आंद्रेज प्लेंकोविक के साथ द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशिया के पीएम आंद्रेज प्लेंकोविक के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बैठक की। इस दौरान भारत और क्रोएशिया के बीच सहयोग को गहराने के कई पहलुओं पर चर्चा हुई।
प्रमुख चर्चाएं शामिल थीं:
- रक्षा और सुरक्षा
- फार्मास्यूटिकल्स
- कृषि और आईटी
- नवीकरणीय ऊर्जा और टेक्नोलॉजी
- सेमीकंडक्टर और शिप बिल्डिंग
आतंकवाद को लेकर साझा दृष्टिकोण
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और क्रोएशिया दोनों इस बात पर सहमत हैं कि—
“आतंकवाद मानवता का दुश्मन है।”
उन्होंने क्रोएशिया को भारत का समर्थन करने के लिए धन्यवाद भी दिया, खासकर सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर।
रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा—
“हम भारत-क्रोएशिया संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए मिलकर काम करेंगे।”
इसके अलावा दोनों नेताओं ने भारत-यूरोपीय संघ के रणनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाने का आह्वान किया।
ऐतिहासिक यात्रा: पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रोएशिया (जो बाल्कन क्षेत्र में आता है) का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। पीएम प्लेंकोविक ने भी इस मुलाकात को दोनों देशों के मजबूत रिश्तों का संकेत बताया।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा वैश्विक शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत अब केवल एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर शांति और समाधान का नेतृत्व करने वाला राष्ट्र बनकर उभर रहा है।