BY: Yoganand Shrivastva
तेहरान/तेल अवीव : मध्य पूर्व में तनाव और गहराता जा रहा है। मंगलवार को ईरान ने इजराइल की राजधानी तेल अवीव के हर्जीलिया इलाके में स्थित मोसाद हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया, जिससे वहां भीषण आग लग गई। इसके साथ ही, इजराइली सैन्य खुफिया एजेंसी AMAN की एक इमारत को भी निशाना बनाया गया।
मोसाद हेडक्वार्टर पर बड़ा हमला
ईरानी ड्रोन और मिसाइल हमले के बाद मोसाद के मुख्यालय में भयंकर आग भड़क उठी। हर्जीलिया, जो इजराइल का एक अत्यंत सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है, वहां हमला होना इजराइली सुरक्षा तंत्र की बड़ी चुनौती मानी जा रही है।
AMAN की बिल्डिंग भी टारगेट पर
ईरान ने सिर्फ मोसाद को ही नहीं, बल्कि इजराइल की मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट AMAN के मुख्यालय को भी निशाने पर लिया। ये दोनों संस्थाएं इजराइल की खुफिया और सुरक्षा व्यवस्था की रीढ़ मानी जाती हैं।
जवाबी कार्रवाई: ईरानी डिप्टी मिलिट्री कमांडर की मौत
इजराइल ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरानी सेना के डिप्टी कमांडर मेजर जनरल अली शादमानी को निशाना बनाया। शादमानी हाल ही में मारे गए जनरल गुलाम अली राशिद की जगह नियुक्त हुए थे और खतम-अल-अनबिया (ईरानी मिलिट्री इमरजेंसी कमान) के प्रमुख थे। हमले में उनकी मौत की पुष्टि हो चुकी है।
अब तक का संघर्ष: आंकड़े चिंताजनक
- ईरान में हताहत:
🛑 224 लोग मारे गए
🚑 1,481 से अधिक घायल - इजराइल में हताहत:
🛑 24 नागरिकों की मौत
🚑 600 से ज्यादा घायल
बढ़ती चिंता: क्षेत्रीय और वैश्विक तनाव
पिछले 5 दिनों से जारी संघर्ष अब पूरे मध्य पूर्व को एक बड़े युद्ध की ओर धकेलता नजर आ रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं और राष्ट्र संयम बरतने की अपील कर चुके हैं, लेकिन दोनों देशों की कार्रवाइयों से हालात काबू से बाहर जाते दिख रहे हैं।
ईरान और इजराइल के बीच यह संघर्ष अब केवल सैन्य प्रतिष्ठानों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह एक भूराजनीतिक संकट का रूप ले चुका है। मोसाद और AMAN जैसे रणनीतिक ठिकानों पर हमला और उसके जवाब में ईरानी सैन्य नेतृत्व को टारगेट करना — यह संकेत देता है कि आगे स्थिति और बिगड़ सकती है।