बॉलीवुड के मशहूर एक्टर और सिंगर दिलजीत दोसांझ की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘सरदार जी 3’ विवादों के घेरे में आ गई है। फिल्म में पाकिस्तानी कलाकारों की मौजूदगी को लेकर विरोध किया जा रहा है।
हाल ही में फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने फिल्म पर आपत्ति जताते हुए CBFC (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) को एक पत्र लिखा है, जिसमें फिल्म का सर्टिफिकेट रोकने की मांग की गई है।
FWICE ने CBFC को लिखा सख्त पत्र
FWICE द्वारा CBFC को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि:
- फिल्म में पाकिस्तानी कलाकार हनिया आमिर, नासिर चिन्योती, डेनियल खावर और सलीम अलबेला को कास्ट किया गया है।
- सूचना और प्रसारण मंत्रालय (I&B मंत्रालय) के हालिया निर्देशों के अनुसार, भारतीय फिल्मों में पाकिस्तानी कंटेंट और कलाकारों के साथ सहयोग पर रोक है।
- CBFC से अनुरोध किया गया है कि वो इस फिल्म को सर्टिफिकेट न दे क्योंकि यह राष्ट्रीय भावना और सरकार की नीति के विरुद्ध है।
भाजपा चित्रपट कामगार अघाड़ी ने भी जताया विरोध
FWICE के साथ-साथ भाजपा चित्रपट कामगार अघाड़ी ने भी इस मुद्दे पर नाराज़गी जताई है। संघ ने कहा:
“हम किसी भी पाकिस्तानी कलाकार को भारतीय सिनेमा में जगह देने का विरोध करते हैं। यह सिर्फ राजनीतिक मामला नहीं, बल्कि राष्ट्र की गरिमा से जुड़ा सवाल है। ‘सरदार जी 3’ को सेंसर सर्टिफिकेट न दिया जाए।”
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ा गुस्सा
इस विवाद की पृष्ठभूमि में 22 अप्रैल 2025 को हुआ पहलगाम आतंकी हमला भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। इस हमले में:
- पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने बैसरन घाटी में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी।
- पीड़ितों में एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।
- इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की।
इस घटना के बाद भारत सरकार ने एक सख्त स्टैंड लिया और सभी मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स को पाकिस्तानी कंटेंट को हटाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही:
- पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भारत में ब्लॉक कर दिया गया।
- ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को भी चेतावनी दी गई कि वे पाकिस्तान से जुड़ी सामग्री दिखाना तुरंत बंद करें।
राष्ट्रीय सुरक्षा बनाम कला की स्वतंत्रता
‘सरदार जी 3’ का यह विवाद अब केवल एक फिल्म का मामला नहीं रहा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और कला की सीमाओं को लेकर बहस का मुद्दा बन गया है। एक तरफ कलाकारों की स्वतंत्रता और क्रॉस बॉर्डर क्रिएटिविटी की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर देश की सुरक्षा और संवेदनाओं का सवाल खड़ा है।
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‘सरदार जी 3’ की रिलीज पर मंडराते संकट से साफ है कि आने वाले समय में भारतीय सिनेमा को लेकर राष्ट्रीय नीतियां और भी कड़ी हो सकती हैं। ऐसे में फिल्ममेकर्स के लिए यह जरूरी होगा कि वे न केवल क्रिएटिव पहलुओं का ध्यान रखें, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक संवेदनाओं को भी नजरअंदाज न करें।