BY: Yoganand Shrivastva
भारतीय वॉरशिप और सबमरीन की खुफिया जानकारी पाकिस्तान को भेजने के आरोप में मुंबई एटीएस (ATS) और ठाणे एटीएस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। रविंद्र वर्मा नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिस पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के हनीट्रैप में फंसकर संवेदनशील सैन्य जानकारी लीक करने का आरोप है।
यह मामला ना केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर है, बल्कि यह एक बार फिर दिखाता है कि कैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर हनीट्रैप के जरिए दुश्मन देश भारतीय रक्षा ढांचे में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
कौन है रविंद्र वर्मा और कैसे हुई गिरफ्तारी?
- गिरफ्तारी: मुंबई ATS और ठाणे ATS की संयुक्त कार्रवाई
- स्थान: ठाणे
- व्यक्ति का नाम: रविंद्र वर्मा
- काम: एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत, जो नेवल डॉकयार्ड से जुड़ी है
- आरोप: वॉरशिप और सबमरीन की मरम्मत, तकनीकी खामियों, और अपग्रेडेशन से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को भेजना
वर्मा को ठाणे सिविल अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद ठाणे सेंट्रल जेल भेजा गया है। अब उससे विस्तृत पूछताछ की जाएगी।
ISI का हनीट्रैप कैसे काम करता है?
हनीट्रैप का मतलब होता है किसी व्यक्ति को भावनात्मक या रोमांटिक जाल में फंसा कर उससे जानकारी निकलवाना। ISI एजेंटों ने इसी तकनीक का इस्तेमाल किया:
- दो फेक फेसबुक प्रोफाइल बनाई गईं, जिनमें वे महिलाओं के रूप में सामने आए
- वर्मा को नेवल डॉकयार्ड में काम करते देख उन्हें टारगेट किया गया
- ऑनलाइन बातचीत के दौरान वॉरशिप, नेवी शिप्स, और सबमरीन में दिलचस्पी जताई
- धीरे-धीरे बातचीत WhatsApp पर शिफ्ट हुई
- प्रेम संबंध का झूठा वादा कर वर्मा को अपने जाल में फंसा लिया
- उसने मोबाइल से प्रतिबंधित जानकारी फोटो और टेक्स्ट के रूप में भेजी
कौन-कौन सी जानकारी पाकिस्तान को भेजी गई?
जांच एजेंसियों के अनुसार रविंद्र वर्मा ने ISI को जो जानकारी भेजी, उसमें शामिल हैं:
- वॉरशिप की डिफेक्ट रिपोर्ट्स
- सबमरीन और कोस्ट गार्ड जहाजों की मरम्मत और अपग्रेडेशन की स्थिति
- नेवल डॉकयार्ड में मौजूद जहाजों की तैनाती और गतिविधियों की जानकारी
- संवेदनशील तकनीकी खामियां और परिचालन स्थिति की जानकारी
यह सारी जानकारी भारतीय नौसेना और तटीय सुरक्षा से संबंधित क्लासिफाइड डेटा में आती है।
कब से जुड़ा था पाकिस्तानी एजेंटों से?
- पहला संपर्क: नवंबर 2024 में फेसबुक पर
- बातचीत का तरीका: शुरू में चैट, फिर WhatsApp पर शिफ्ट
- जानकारी भेजने की अवधि: नवंबर 2024 से मई 2025 के बीच
इस दौरान उसने कई बार गोपनीय डेटा भेजा। उसे पूरा यकीन था कि वो जिनसे बात कर रहा है वे भारतीय महिलाएं हैं और उनसे उसका निजी रिश्ता बन चुका है।





