BY: Yoganand Shrivastva
बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, क्योंकि विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सारण जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी मंशा और मिशन को लेकर बड़ी बातें कहीं।
“मुख्यमंत्री बनना मकसद नहीं, बिहार का विकास सपना है”
सारण में जनता से बातचीत करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा,
“कुछ लोग कहते हैं कि मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं। लेकिन आप शायद मुझे नहीं जानते। मैंने अब तक 10 मुख्यमंत्रियों को बनाने में मेहनत की है। मैं मुख्यमंत्री बनने की होड़ में नहीं हूं, बल्कि मेरा सपना है कि बिहार इस स्तर पर पहुंचे जहां हरियाणा और पंजाब से लोग यहां रोजगार के लिए आएं।”
प्रशांत किशोर ने साफ कहा कि जब तक बिहार से पलायन रुकेगा नहीं और लोग यहां आने लगेंगे, तब तक वे राज्य को विकसित नहीं मानेंगे।
नीतीश कुमार के गांव जाने से रोका गया
प्रशांत किशोर हाल ही में नालंदा जिले के कल्याण बिगहा गांव जाने वाले थे, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गांव है। लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने बताया,
“प्रशासन ने मुझे गांव के आसपास 3 किलोमीटर के क्षेत्र में जाने से नहीं रोका, लेकिन जैसे ही मैंने नीतीश कुमार के गांव जाने की बात की, कहा गया कि ऊपर से आदेश हैं।”
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा और भ्रष्टाचार की शिकायतें भी हैं।
“बिहार में अफसरशाही का जंगलराज”
प्रशांत किशोर ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा,
“हम कानून का सम्मान करते हैं, लेकिन प्रशासन खुद नहीं जानता कि क्या करना है। अधिकारी कहते हैं कि उन्हें आदेश लेने होंगे। मुझे नहीं लगता कि नीतीश कुमार खुद ऐसे निर्देश दे सकते हैं। बिहार में इस समय अफसरशाही का जंगलराज जैसा माहौल है।”
उन्होंने यह भी माना कि नीतीश कुमार ने सड़कों का विकास किया है, लेकिन ऐसा विकास पूरे राज्य में होना चाहिए।
जन सुराज की तैयारी जोरों पर
बिहार में आगामी चुनावों को देखते हुए जन सुराज पार्टी पूरी तरह से सक्रिय है और प्रशांत किशोर लगातार जनता से जुड़ने की कोशिश में हैं। उनकी रणनीति स्पष्ट है—विकास का ऐसा मॉडल जिसमें बिहार आत्मनिर्भर बने और युवाओं को रोजगार के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े।





