भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव की लकीरें खिंच गई हैं, लेकिन इस बार भारत ने साफ कर दिया है कि अब चुप्पी का कोई सवाल नहीं उठता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को दो टूक कह दिया है – “अगर उधर से गोली चलेगी, तो इधर से गोला जाएगा।” यानी अब जवाब उसी भाषा में मिलेगा।
सीजफायर की खबर भले ही राहत देने वाली हो, लेकिन इससे पहले के घटनाक्रम काफी गंभीर रहे। भारतीय सेना ने बताया कि 7 से 10 मई के बीच, LOC पर पाकिस्तान के करीब 35-40 सैनिक मारे गए, जबकि 100 से ज्यादा आतंकियों का खात्मा हुआ। इन आतंकियों में पुलवामा हमले के गुनहगार और IC-814 हाइजैक से जुड़े लोग भी शामिल थे। एयर मार्शल ए.के. भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पहले और बाद की तस्वीरें भी मीडिया के सामने रखीं।
सीमावर्ती इलाकों में लौटी उम्मीद की रौशनी
कश्मीर के बारामूला से लेकर गुरेज़ तक के सीमावर्ती गांवों में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। स्थानीय लोग, जिन्होंने बीते कुछ दिनों में रातें डर के साए में बिताईं, अब चैन की सांस ले रहे हैं। कुपवाड़ा के तंगधार इलाके के एक निवासी ने कहा, “तीन रातों से नींद नहीं आई थी, लेकिन कल रात कोई फायरिंग नहीं हुई। अब लग रहा है कि घर लौट सकते हैं।”
राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में भी शांति का असर दिखने लगा है। जम्मू के उधमपुर में शनिवार की शाम के बाद से कोई फायरिंग नहीं हुई है, जो सीजफायर की पुष्टि करता है।

सेना की कार्रवाई पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं
- मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस नेता): “हम शांति चाहते हैं। युद्ध रुकना अच्छा फैसला है। देश की सुरक्षा के लिए सरकार जो भी फैसला ले, हम उसका समर्थन करते हैं।”
- कमर आगा (रक्षा विशेषज्ञ): “ऑपरेशन सिंदूर के दो मकसद थे – आतंकवाद के ढांचे को खत्म करना और आम नागरिकों को नुकसान से बचाना। लगता है सेना ने दोनों में सफलता पाई है।”
- संजय कुमार झा (JDU सांसद): “हमारी सेना ने कमाल कर दिखाया। अगर भारत पर कोई हमला करेगा, तो ऐसा जवाब मिलेगा कि याद रखेगा। यह नया भारत है।”
- भागीरथ चौधरी (केंद्रीय मंत्री): “पाकिस्तान को सबक सिखा दिया गया है। अब अगर फिर कोई हरकत हुई, तो हमेशा के लिए खामोश कर दिए जाएंगे।”
- धामी (उत्तराखंड के सीएम): “पाकिस्तान की सेना ही आतंकवाद को पाल रही है, लेकिन अब उन्हें सबक मिल गया है।”
DGMO और एयरफोर्स की बड़ी बातें
- राजीव घई (DGMO): “हमारे हमले पूरी तरह से चौंकाने वाले थे। 100 से ज्यादा आतंकियों को मारा गया, 9 टेरर कैंप तबाह कर दिए गए। वायुसेना, नौसेना और थलसेना ने मिलकर बेहद सटीक काम किया।”
- एयर मार्शल ए.के. भारती: “हमारी वायु रक्षा पूरी तरह सतर्क थी। दुश्मन के ड्रोन और UAVs को पहचानकर जवाब दिया गया। हमारे पायलट सुरक्षित लौटे। पाकिस्तान के कुछ विमान भी गिराए गए, लेकिन आंकड़े बताना संभव नहीं है।”
जमीनी हकीकत – जवानों की शहादत और सम्मान
- राइफलमैन सुनील कुमार: आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की गोलाबारी में शहीद हुए सुनील कुमार को अंतिम श्रद्धांजलि दी गई। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुद अंतिम विदाई दी।
- आंध्र के सैनिक की शहादत: आंध्र प्रदेश के एक जवान की भी इस संघर्ष में जान गई। राज्य सरकार ने उनके परिवार को 50 लाख रुपये और 5 एकड़ ज़मीन देने का ऐलान किया।
दुनिया की नज़र और सियासी बयानबाज़ी
- पोप लियो XIV ने संघर्ष विराम का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि अब शांति कायम हो सकेगी।
- SP सांसद वीरेंद्र सिंह: “भारत ने कभी किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की। आज जो हो रहा है, वो इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत की याद दिला रहा है।”
- मिलिंद देवड़ा (शिवसेना): “अब वो दिन नहीं रहे जब कोई विदेशी ताकत भारत की सुरक्षा नीति में दखल दे सके। मोदी जी के नेतृत्व में भारत पूरी तरह तैयार है।”
- रविंदर रैना (BJP): “पाक सेना कायर है। जब भारत ने करारा जवाब दिया, तब जाकर पाकिस्तान सीजफायर की बात करने लगा।”
निष्कर्ष:
भारत ने इस बार अपने रुख में नरमी नहीं, बल्कि साफ-साफ कड़ा संदेश दिया है – “हम शांति चाहते हैं, लेकिन जवाब देना भी जानते हैं।” ऑपरेशन सिंदूर के जरिए जो कार्रवाई की गई, उसने यह जता दिया है कि नया भारत अब चुप नहीं बैठता।
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