BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली – सिंगापुर में संपन्न आम चुनावों में प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) ने जबरदस्त जीत दर्ज की है। कुल 97 संसदीय सीटों में से 87 पर विजय प्राप्त कर पार्टी ने एक बार फिर अपनी राजनीतिक पकड़ साबित की है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मतदान प्रक्रिया 12 घंटे चली और रात 8 बजे स्थानीय समयानुसार संपन्न हुई। इसके बाद आए नतीजों में वोंग के नेतृत्व वाली पार्टी को निर्णायक जनादेश मिला। यह जीत ऐसे समय में आई है जब वैश्विक स्तर पर आर्थिक अस्थिरता देखी जा रही है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉरेंस वोंग को उनकी शानदार जीत पर बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“लॉरेंस वोंग को आम चुनावों में बड़ी जीत के लिए हार्दिक शुभकामनाएं। भारत और सिंगापुर के बीच गहरा और विविध साझेदारी का रिश्ता है, जो दोनों देशों के नागरिकों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित है। मैं हमारे द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने को तत्पर हूं।”
लॉरेंस वोंग ने जताया आभार
प्रधानमंत्री वोंग ने मतदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक “विनम्र करने वाला अनुभव” है और वह इस विश्वास का मान बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। उन्होंने कहा,
“यह मेरा पहला आम चुनाव था और हम जनता के समर्थन के लिए आभारी हैं। हम इस जनादेश का सम्मान करेंगे और आपकी अपेक्षाओं पर खरे उतरने के लिए और अधिक मेहनत करेंगे।”
ऐतिहासिक दृष्टि से PAP का दबदबा
पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) सिंगापुर की सबसे पुरानी और सत्तारूढ़ पार्टी है। देश को 1965 में स्वतंत्रता मिलने के बाद से यह पार्टी लगातार सत्ता में रही है। लॉरेंस वोंग ने मई 2024 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, जब ली सीन लूंग ने लगभग 20 वर्षों के बाद पद छोड़ा था।
चुनाव की पृष्ठभूमि
सिंगापुर के चुनाव विभाग (ELD) के अनुसार, इस आम चुनाव में कुल 27,58,846 पंजीकृत मतदाताओं ने 1,240 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव 97 संसदीय सीटों के लिए हुआ, जिनमें से 92 पर मतदान हुआ। यह सिंगापुर की स्वतंत्रता के बाद 14वां आम चुनाव था, जबकि 1948 में हुए पहले चुनाव से यह 19वां चुनाव रहा।
लॉरेंस वोंग की जीत न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि पीएपी की निरंतर स्थिरता और जनता के विश्वास का प्रतीक भी है। भारत और सिंगापुर के बीच मजबूत रिश्तों की उम्मीद के साथ दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया है।
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