भोपाल के कई इलाकों में अवैध तरीके से बसाई गई कॉलोनियों पर अब प्रशासन की नजर है। मई महीने में इन कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी की जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये कॉलोनियां अवैध कैसे बन गईं? क्या प्रशासन की नाक के नीचे ये इमारतें खड़ी हो गईं, या फिर किसी की मिलीभगत से यह सब हुआ? आइए, समझते हैं पूरा मामला।
क्या है पूरा मामला?
भोपाल में करीब 100 कॉलोनियां ऐसी हैं, जो बिना किसी अनुमति के खेतों में बसाई गई हैं। इनमें से 24 को पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है। ये कॉलोनियां टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (TCP) या स्थानीय निकायों की मंजूरी के बिना बनाई गई हैं, इसलिए इन्हें अवैध घोषित किया गया है। अब प्रशासन इन्हें राजस्व नियमों के तहत अपने कब्जे में लेगा और बुलडोजर चलाएगा।
क्यों हो रही है यह कार्रवाई?
- अवैध निर्माण पर रोक: बिना अनुमति के बनी कॉलोनियां सुरक्षा और योजनाबद्ध विकास के नियमों का उल्लंघन करती हैं।
- भ्रष्टाचार का खेल?: सवाल यह भी उठता है कि इतनी बड़ी संख्या में कॉलोनियां बन गईं, तो प्रशासन को पहले क्यों नहीं पता चला? क्या किसी ने आँखें मूंद ली थीं?
- जनता का नुकसान: इन कॉलोनियों में घर खरीदने वाले आम लोग अब फंस गए हैं। उनकी जमीन और पैसे दोनों खतरे में हैं।
क्या है कानूनी प्रावधान?
- शहरी क्षेत्रों में: नगर निगम अधिनियम के तहत अवैध निर्माण को गिराया जा सकता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में: भू-राजस्व संहिता के तहत जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है।
बीडीए की कॉलोनियों में भी गड़बड़ी?
दिलचस्प बात यह है कि भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) की शाहपुरा जैसी पॉश कॉलोनियों में भी नियमों का उल्लंघन हुआ है। यहाँ तक कि नगर निगम ने भवन अनुमति देना बंद कर दिया है। मामला हाईकोर्ट में है, जिससे साफ होता है कि प्राधिकरण भी नियमों को लेकर गंभीर नहीं है।

क्या होगा आगे?
- कलेक्टर ने कहा है कि जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
- लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ गरीबों के घर गिराए जाएंगे, या उन अधिकारियों और बिल्डरों पर भी कार्रवाई होगी जिनकी मिलीभगत से ये कॉलोनियां बनीं?
निष्कर्ष
यह मामला सिर्फ अवैध निर्माण का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का भी है। अगर सख्त कार्रवाई होती है, तो भविष्य में ऐसे मामले कम होंगे। लेकिन अगर सिर्फ दिखावे के लिए बुलडोजर चलाए जाएंगे और असली दोषियों को छोड़ दिया जाएगा, तो यह सिलसिला थमने वाला नहीं है।
क्या आपको लगता है कि अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई सही है? या फिर पहले उन लोगों को बचाने की कोशिश होनी चाहिए जिन्होंने मजबूरी में यहाँ घर खरीदे हैं? कमेंट में बताइए!
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