भोपाल में एक नाबालिग किशोर के साथ हैवानियत भरी घटना सामने आई है। आरोपियों ने उसका अपहरण कर नग्न कर बेरहमी से पिटाई की और इसका वीडियो बनाकर महीनेभर बाद सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पुलिस ने अब 8 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, लेकिन सवाल यह है कि यह घटना हुई मार्च में, और कार्रवाई अप्रैल में क्यों?
क्या हुआ?
- पीड़ित 16 साल का है और पिपलानी में फल की दुकान पर काम करता है।
- आरोपी नदीम बच्चा उसके भाई का दोस्त था। एक बार जेल जाने पर दूसरे आरोपी अरबाज ने उसे देख लिया। अरबाज और नदीम की पहले से दुश्मनी थी।
- 22 मार्च को आरोपियों ने किशोर को एमपी नगर के एक कैफे में बुलाया, फिर अजनाल डैम ले जाकर नग्न कर पीटा और वीडियो बना लिया।
- पीड़ित ने धमकियों के डर से तुरंत शिकायत नहीं की, लेकिन जब वीडियो वायरल हुआ, तो गौतमनगर थाने में केस दर्ज हुआ।

पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
- घटना के 28 दिन बाद FIR हुई, जबकि वीडियो बनाना और प्रसारित करना भी गंभीर अपराध है।
- पुलिस ने इसे “जीरो FIR” दर्ज कर एमपी नगर थाने को भेजा, जहां घटना हुई थी।
- 5 नामजद और 3 अज्ञात आरोपियों पर IPC की धाराएं (363, 342, 294, 506) और POCSO एक्ट लगाया गया।
बड़ा सवाल: क्या सजा मिलेगी?
मामला POCSO के तहत आता है, क्योंकि पीड़ित नाबालिग है। लेकिन:
- क्या पुलिस आरोपियों को जल्द पकड़ पाएगी?
- क्या वीडियो बनाने और फैलाने वालों पर IT एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई होगी?
- पीड़ित को सुरक्षा और मनोसामाजिक सहायता मिलेगी या नहीं?
नोट: ऐसे मामलों में देरी से शिकायत करने का मतलब यह नहीं कि पीड़ित को न्याय न मिले। अगर आप या आपके आसपास किसी के साथ ऐसा हो, तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) या पुलिस से संपर्क करें।
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