भोपाल। मध्य प्रदेश की आलोट विधानसभा सीट से भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय को पार्टी की ओर से शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस उनके द्वारा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उज्जैन सिंहस्थ में जमीनों के स्थायी अधिग्रहण को लेकर अपनी ही सरकार को घेरने के कारण जारी किया गया है।

क्या है मामला?
विधायक चिंतामणि मालवीय ने विधानसभा सत्र के दौरान सिंहस्थ क्षेत्र में किसानों की जमीन के स्थायी अधिग्रहण को लेकर सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा कि पहले सिंहस्थ के लिए जमीन केवल 3-6 महीने के लिए अधिग्रहित की जाती थी, लेकिन अब किसानों को स्थायी अधिग्रहण का नोटिस दिया जा रहा है। इससे किसानों में भारी डर और परेशानी फैल गई है।
मालवीय ने सदन में कहा, “सिंहस्थ की जमीन का ऐसा इस्तेमाल नहीं करें कि इससे बड़ा नुकसान हो जाए। कहीं ऐसा न हो कि हम सिंहस्थ की जमीन हमेशा के लिए खो दें।” उन्होंने यह भी कहा कि “स्पिरिचुअल सिटी बनाने का विचार गलत है। स्प्रिचुअलिटी किसी सिटी में नहीं, बल्कि त्याग करने वाले लोगों में होती है।”
पार्टी की प्रतिष्ठा पर आँच
मालवीय के इन बयानों और कार्यवाही से भाजपा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा है। इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें 7 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि उनके बयानों और कृत्यों से पार्टी की छवि प्रभावित हुई है।
सरकार को आना पड़ा बैकफुट पर
विधायक मालवीय द्वारा सरकार को घेरने के बाद सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। मामला केंद्रीय नेतृत्व तक पहुँचा और इसके बाद प्रदेश नेतृत्व ने यह कदम उठाया।
मालवीय का स्टैंड
मालवीय ने सदन में कहा कि “जब तक हिंदू हैं, सिंहस्थ चलेगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलोनाइजर्स और भू-माफिया ने मिलकर यह षड्यंत्र रचा है। उन्होंने सरकार से किसानों की जमीन को बचाने की अपील की।
आगे की कार्रवाई
अब देखना यह है कि चिंतामणि मालवीय पार्टी को दिए गए 7 दिनों के अंदर क्या जवाब देते हैं। यदि उनका जवाब पार्टी को संतुष्ट नहीं करता है, तो उनके खिलाफ और कार्रवाई की जा सकती है।