यूएसटीएम चांसलर महबूब उल हक गिरफ्तार: परीक्षा धोखाधड़ी और फर्जी डिग्री घोटाले का आरोप
- कौन?
यूएसटीएम (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय) के चांसलर महबूब उल हक को असम पुलिस ने गिरफ्तार किया। - क्यों?
उन पर सीबीएसई कक्षा 12 की परीक्षा में धोखाधड़ी और फर्जी डिग्री घोटाले के आरोप हैं। - कब और कहाँ?
असम पुलिस की विशेष कार्य बल (STF) ने उन्हें गुवाहाटी में उनके घर से 21-22 फरवरी की रात को हिरासत में लिया।
क्या हुआ?
- परीक्षा धोखाधड़ी का मामला
- यह गिरफ्तारी असम के श्रीभूमि जिले में दर्ज एक मामले से जुड़ी है।
- आरोप है कि हक की संस्था ERD फाउंडेशन द्वारा संचालित स्कूल में परीक्षा में गड़बड़ी की गई।
- गोलपारा के छात्रों ने दावा किया कि उन्हें ‘विजन 50’ कार्यक्रम के तहत सीबीएसई कक्षा 12 के 30 अंकों वाले MCQ सेक्शन में मदद का वादा किया गया था, जो पूरा नहीं हुआ।
- मदद न मिलने पर छात्रों ने हंगामा किया और तोड़फोड़ की।
- अन्य आरोप
- असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हक और यूएसटीएम पर फर्जी डिग्री बेचने और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया।
- सरमा ने कहा कि हक का ओबीसी प्रमाणपत्र भी जाली है।
सरकार और पुलिस की प्रतिक्रिया
अधिकारी | बयान |
---|---|
शिक्षा मंत्री रनोज पेगू | “परीक्षा में अनुचित लाभ के लिए छात्रों को रखा गया था। जब मदद नहीं मिली, तो हंगामा हुआ।” |
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा | “यूएसटीएम एक धोखाधड़ी संस्थान है, जो फर्जी प्रमाणपत्र जारी करता है।” |
- जांच
- पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
- हक को श्रीभूमि ले जाया गया है, जहां आगे की पूछताछ जारी है।
पृष्ठभूमि
- पिछले विवाद
- 2024 में सरमा ने यूएसटीएम पर गुवाहाटी में बाढ़ की समस्या को बढ़ाने का आरोप लगाया था, जिसे उन्होंने “फ्लड जिहाद” कहा।
- उनका दावा था कि विश्वविद्यालय ने असम-मेघालय सीमा पर पहाड़ों को नष्ट किया, जिससे कृत्रिम बाढ़ आई।
- संस्था का जवाब
- यूएसटीएम ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि यह एक मान्यता प्राप्त संस्थान है।
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