सीएम डॉ. यादव बोले-मेरिट से काम नहीं बनेगा, नैतिकता भी चाहिए
by: Aakash Sen
भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 12 स्कूली विद्यार्थियों को स्कूटी की चाबियां सौंपी। इसके बाद सरकारी स्कूलों के मेधावी 7,800 विघार्थियों को मुफ्त स्कूटी के लिए प्रतीकात्मक रूप से प्रमाण पत्र दिए गए। ये विघार्थी 12वीं परीक्षा में टॉपर रहे हैं और उन्हें पेट्रोल और इलेक्ट्रिक स्कूटर दिए गए। सभी विद्यार्थियों को सरकार ने ये भी विकल्प दिया है । जो यह स्कूटर लेना नहीं चाहते हैं या जिनके पास पहले से स्कूटर हैं, उन्हें सरकार 95 हजार रुपये की राशि देगी। वहीं अगर कोई इलेक्ट्रिक स्कूटर लेना चाहता है, तो उसे 1 लाख 20 हजार रुपये दिए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मेरिट से काम नहीं बनेगा, नैतिकता भी चाहिए। घर के अंदर कुछ भी चलता रहे लेकिन बाहर यह बात नहीं जानी चाहिए। हमारे संस्कार ऐसे होने चाहिए कि हम आपस के मनमुटाव को बाहर न दिखने दें। इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली बच्चे जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं लेकिन प्रतिभा के साथ संस्कार होना भी जरूरी है। सिर्फ पढ़ा लिखा व्यक्ति ही सब कुछ नहीं होता है, गुणी और संस्कारवान होना भी जीवन में आवश्यक है।

जो विपरीत क्रम को लागू करे, वही विक्रमादित्य – CM
मुख्यमंत्री ने कहा कि पन्ना धाय ने अपने देश के लिए अपनी ही संतानों की हत्या होते देखी । कंस के अत्याचार पर उसे मारने के बाद भगवान श्री कृष्ण ने सत्ता पर फिर महाराज को बैठाकर गणतंत्र की स्थापना की। सहसांक विक्रमादित्य असंभव को संभव करने वालों में थे । सुक्रम (आसान क्रम) तो कोई भी कर सकता है लेकिन विक्रम (विपरीत क्रम) तो सिर्फ विक्रमादित्य ही कर सकते हैं।

CM ने बताया उन्हें कैसे मिली थी पहली बुलेट
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मेधावी विघार्थियों को अपने अनुभव सुनाते हुए कहा- वर्ष 1982 में मेरे भैया ने कहा कि चुनाव लड़ो, मैंने कहा-जीतूंगा तो क्या दोगे? भैया ने कहा- बुलेट दूंगा। इसके बाद 1988 तक मैं खुद और अपनी पार्टी को चुनाव जिताता रहा और हर साल भैया मुझे नई बुलेट दिलाते रहे। बुलेट तो मिल जाती थी लेकिन पेट्रोल का खर्च समझ में आता था। आप भाग्यशाली हो, आपको इलेक्ट्रिक व्हीकल मिला है, जिसे कितना भी चला सकते हो खर्चे की चिंता ही नहीं।
- एमपी के 7800 टॉपर को मिली मुफ्त स्कूटी
- योजना की शुरुआत- साल 2023
- योजना के लिए पात्र-एक छात्र और छात्रा
- सरकारी स्कूल में 12वीं टॉपर
क्या है योजना
- सरकार की तरफ से ई-स्कूटी और पेट्रोल स्कूटी के लिए दो किस्तों में पैसे दिए जाते हैं।
- विघार्थियों पर निर्भर करता है कि वे ई-स्कूटी लेंगे या पेट्रोल से चलने वाली स्कूटी।
- योजना का बजट- 80 करोड़ रुपए से ज्यादा
- ई-स्कूटी की कीमत- 1 लाख 20 हजार रुपए
- पेट्रोल स्कूटी की कीमत- 90 हजार रुपए
गौरतलब है कि साल 2022-23 में 7778 छात्रों को स्कूटी दी गई थी । जिसमें से ई स्कूटी ई-स्कूटी- 2760 छात्र और पेट्रोल स्कूटी – 5018 छात्र को दी गई थी । जिसमें प्रदेश सरकार का करीब 40.40 करोड़ रुपये खर्च हुआ था । । 2,760 छात्रों को ई-स्कूटी खरीदने के लिए प्रति विद्यार्थी 1.25 लाख रुपए जबकि पेट्रोल स्कूटी के लिए 90 हजार से 1 लाख रुपए तक की राशि दी गई थी। इस योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुई थी ।
लैपटॉप खरीदने के लिए 25,000 रुपए मिलेंगे
इसी तरह ‘मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना’ के तहत माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं परीक्षा में 75% या उससे अधिक नंबर हासिल करने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिए 25,000 रुपए की राशि दी जाती है। 2022-23 में 78,641 विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ दिया गया था । लेकिन इस बार यह संख्या 90,000 के पार पहुंच चुकी है।
यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 12,000 ज्यादा
लेपटॉप मिलने वाले पात्र विघार्थियों का यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 12,000 ज्यादा है। सरकार इस योजना पर 225 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करेगी। 2009-2010 से प्रारंभ हुई । इस योजना में पहले प्रतिभावान बच्चों का क्राइटेरिया 85 प्रतिशत अंकों तक रखा गया था, लेकिन बाद में इसे कम कर 75% कर दिया गया।
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