लखीमपुर में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स व सदर कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने महेवागंज रोड पर उल्ल नदी पुल के निकट स्थित रॉयल केयर ग्रुप मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में छापा मारकर 10 करोड़ कीमत की एक किलो मेफोड्रान (मादम पदार्थ) बरामद की। टीम ने मौके से दो अभियुक्तों को तो पकड़ लिया, लेकिन मौके पर मौजूद तीसरा अभियुक्त अस्पताल संचालक पुलिस टीम के सामने से ही वहां से भाग निकला।
जानकारी के अनुसार एसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि उल्ल नदी के किनारे स्थित रयल केयर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शनिवार की दोपहर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स व सदर कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा छापा मारा गया। टीम ने मौके से थाना फूलबेहड़ के ग्राम अग्गर खुर्द निवासी राकेश विश्वकर्मा पुत्र उमाशंकर और थाना धौरहरा के ग्राम सुजानपुर निवासी विक्रम सिंह पुत्र मलखे सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जिनके कब्जे से एक किलो एमडी मादक पदार्थ बरामद किया। एसपी के मुताबिक, गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि वह लोग नेपाल से मेफोड्रान की तस्करी कर सीमा से सटे जिलों में बेंच देते हैं। शनिवार को भी वह लोग एक पार्टी को माल बेंचने की फिराक में थे, लेकिन पकड़े गए। मामले में पुलिस ने सदर कोतवाली में एफआईआर दर्ज की है। वहीं सूत्रों के अनुसार इस अवैध कारोबार में शामिल अस्पताल संचालक डॉ० खालिद खान निवासी मोहल्ला शिवपुरी थाना कोतवाली सदर टीम से भिड़ गया। बताया जाता हैं कि अभियुक्त की टीम से धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बावजूद जब देर रात प्रेसनोट जारी किया गया, तो उसमें डॉ० खालिद खान को वांछित अभियुक्त दिखाया गया। जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया प्रश्न लग रहे है।
छोटी सी दुकान से करोड़ों के अस्पताल तक का सफर
जानकारों के मुताबिक, लखीमपुर शहर के मेला मैदान रोड पर डॉ० खालिद खान एक छोटी सी दुकान में लोगों का इलाज करते थे। लोगों का कहना हैं कि आखिर कैसे इतने कम समय में उन्होंने करोड़ों रुपये का मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल बना लिया। सूत्र बताते है कि डॉ० खालिद इस मादक पदार्थ के कारोबार में कई वर्षों से लिप्त है। इसी के चलते उन्होंने अकूत संपत्ति एकत्र कर ली। पकड़े गए दोनों अभियुक्तों ने सदर कोतवाली में कबूला की वह काफी समय से डॉक्टर साहब के लिए काम करते है। बता दें कि इससे पहले भी यह हॉस्पिटल पास से गुजरने वाली उल्ल नदी को पाटकर अवैध दीवार बनाने के मामले में भी सुर्खियों में आया था। उस समय भी तहसील प्रशासन द्वारा डॉ० खालिद खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।