गुरुवार को देश ने अपने अनमोल रत्न को खो दिया। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली एम्स में अपनी अंतिम सांस ली। 92 साल के मनमोहन कई स्वास्थ्य संबंधी बिमारियों से जूझ रहे थे। मौत की खबर सामने आने के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके निधन के बाद देशभर में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया गया है। मनमोहन सिंह देश के 14वें प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने साल 2004 से लेकर साल 2014 तक, दो बार इस पद का कार्यभार संभाला था। उन्हें कई वजहों से जाना जाता है, लेकिन भारत में लाए वैश्वीकरण और उदारीकरण के लिए उनका नाम हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज है। मनमोहन सिंह से जुड़ी कई चीज़ें है जिनकों लेकर हमेशा चर्चा की जाती है। उन्हीं में एक है उनकी नीली पगड़ी। क्योंकि मनमोहन सिंह हमेशा ही नीली पगड़ी पहना करते थे। हमेशा नीली पगड़ी पहनने का कारण मनमोहन सिंह ने खुद बताया था। आईये जानते है क्या था मनमोहन की नीली पगड़ी का कारण।
कॉलेज जीवन में छिपा है नीली पगड़ी का कारण
मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी की कहानी उसी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में छिपी है जहां से उन्होंने मास्टर्स की डिग्री ली थी। ये कहानी साल 2006 की है, जब कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्हें डॉक्टरेट ऑफ लॉ के लिए सम्मानित किया गया था। इस दौरान वहां मौजूद तत्कालीन ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग और यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रिंस फिलिप ने सभी का ध्यान उनकी पगड़ी और उसके रंग की तरफ खींचा, जिसके बाद खुद मनमोहन ने अपनी नीली पगड़ी का राज खोला। उन्होंने बताया कि, जब वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे, तब भी वह सिर्फ नीले रंग की पगड़ी ही पहना करते थे। उनकी इस आदत की वजह से उनके सारे दोस्त उन्हें ‘ब्लू टर्बन’ के नाम से बुलाते थे और यह उस समय उनका निकनेम बन गया था। कॉलेज के दिनों में साथ रहा ये नीला रंग बाद में प्रधानमंत्री बनने तक उनके साथ रहा था। इसके अलावा मनमोहन ने यह भी बताया कि, नीला रंग उनका पसंदीदा रंग रहा है और यह हमेशा से उनका फेवरेट भी है। यही वजह है कि, उन्होंने हमेशा नीली रंग की पगड़ी ही चुनी। साथ ही नीला रंग कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का रंग माना जाता है और मनमोहन सिंह ने बताया था कि, कैम्ब्रिज में बिताए दिनों की उनकी यादें बहुत गहरी हैं। ऐसे में उनकी नीली पगड़ी यूनिवर्सिटी के प्रति उनके प्यार और सम्मान को दर्शाती है।