उत्तराखंड में जनवरी 2025 में समान नागरिक संहिता लागू होने जा रहा है और इस तरह यूसीसी लागू करने वाला भारत का पहला राज्य उत्तराखंड बन जाएगा। बता दें कि 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वादा किया था कि उनकी सरकार समान नागरिक संहित लागू करेगी। बता दें कि समान नागरिक संहिता से आदिवासी समुदायों को बाहर रखा गया है। खास बात यह है कि आजादी के बाद से यह पहली दफा होने जा रहा है कि कोई राज्य यह कानून लागू करने जा रहा है।
यूसीसी का गठन, अतीत और वर्तमान
2022 में उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद, नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दी गई।
कार्यान्वयन रोडमैप
अंतिम तैयारियां पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय उप.समिति ने 43 बैठकों के बाद नियमों का मसौदा तैयार किया। अधिकारियों का प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे की स्थापना अंतिम चरण में है।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का महत्व
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य व्यक्तिगत कानूनों में असमानताओं को समाप्त करके राज्य को कानूनी रूप से न्यायसंगत और समतापूर्ण बनाना है। सीएम धामी ने इस कदम की परिवर्तनकारी प्रकृति पर जोर देते हुए कहा कि यह राज्य के आदिवासी समुदायों को छोड़कर व्यक्तिगत कानूनों में एकरूपता की दिशा में एक कदम हैए जिन्हें इस अधिनियम से बाहर रखा गया है।