BY: Yoganand Shrivastva
Tollywood: रजनीकांत: तमिल नहीं, मराठी मूल से ताल्लुक रखने वाले सुपरस्टार की अनसुनी कहानीसाउथ सिनेमा के महानायक और लाखों फैंस के दिलों पर राज करने वाले रजनीकांत आज अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। थलाइवा के नाम से पहचान बना चुके रजनीकांत को दुनिया तमिल फिल्मों का सबसे बड़ा आइकॉन मानती है, लेकिन उनका वास्तविक परिवार, जन्मस्थान और सांस्कृतिक जड़ें काफी अलग हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि न वह तमिल हैं, न तेलुगु, न कन्नड़—बल्कि उनकी जड़ें महाराष्ट्र से जुड़ी हुई हैं।
मराठी परिवार से हैं रजनीकांत, असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़
रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरु में हुआ था। उनका वास्तविक नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। उनके माता-पिता कर्नाटक में बसे एक मराठी भाषी परिवार से थे, जिनकी पीढ़ियां वर्षों पहले महाराष्ट्र से कर्नाटक प्रवास कर आई थीं।
घर में मराठी भाषा और परंपराओं का पालन होता था। कर्नाटक में जन्म और पालन-पोषण के बावजूद रजनीकांत की जड़ें पूरी तरह मराठी संस्कृति से जुड़ी थीं। यही कारण है कि उनका पारिवारिक बैकग्राउंड दक्षिण भारतीय भाषाई समुदाय से बिल्कुल अलग है।
कैसे मिला तमिल सिनेमा का रास्ता
रजनीकांत का जीवन एक मोड़ पर उन्हें चेन्नई ले आया, जहां से उनकी किस्मत हमेशा के लिए बदल गई।
बेंगलुरु में कई छोटे-मोटे काम करने के बाद उन्होंने अभिनय में करियर बनाने का फैसला किया और मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में प्रवेश लिया।
यहीं उनकी मुलाकात मशहूर निर्देशक के. बालचंदर से हुई, जिन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें 1975 की फिल्म ‘अपूर्वा रागंगल’ में छोटा सा रोल देकर तमिल सिनेमा में एंट्री दिलाई।
शुरुआत में रजनीकांत ने कई नेगेटिव और सपोर्टिंग रोल किए, लेकिन उनकी अनोखी स्टाइल, दमदार संवाद शैली और करिश्माई स्क्रीन प्रेज़ेंस ने बहुत जल्दी उन्हें अलग पहचान दिला दी। धीरे-धीरे वे तमिल इंडस्ट्री के सबसे बड़े सुपरस्टार बन गए, मानो उनकी पहचान तमिलनाडु की मिट्टी में ही बस गई हो।
लोगों को क्यों लगा कि रजनीकांत तमिल हैं
कई दशकों तक तमिल फिल्मों में काम करने और वहां की संस्कृति के साथ पूरी तरह से घुल-मिल जाने के कारण लोग उन्हें तमिलनाडु का ही हिस्सा मानने लगे।
पर हकीकत यह है कि उनका जन्म कर्नाटक में हुआ, परिवार मराठी था और उनकी मातृभाषा भी मराठी है। बावजूद इसके, उन्होंने तमिलनाडु को अपना करियर, पहचान और जीवन समर्पित कर दिया।
फिल्में जिन्होंने बनाया ‘थलाइवा’
रजनीकांत ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दीं, जिनमें—
- एंथिरन (रोबोट) – चिट्टी और डॉ. वसीगरन का डबल रोल
- शिवाजी – ‘शिवाजी द बॉस’ का खिताब दिलाने वाली फिल्म
- बाशा – एक कल्ट क्लासिक
- कबाली, पदयप्पा, जेलर – ब्लॉकबस्टर हिट्स
उनकी फिल्मों ने उन्हें सिर्फ साउथ ही नहीं, बल्कि पूरे देश का सुपरस्टार बना दिया। उनका नाम आते ही फैंस के चेहरे पर उत्साह झलक उठता है।
75 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय
रजनीकांत ने उम्र को सिर्फ एक संख्या साबित कर दिया है। वे हाल ही में लोकेश कनगराज की फिल्म ‘कुली’ में नजर आए।
साथ ही वे ‘जेलर 2’ और अपनी क्लासिक फिल्म ‘पदयप्पा’ के सीक्वल पर भी काम कर रहे हैं।
उनकी नई फिल्मों के ऐलान पर भी फैंस उतनी ही खुशी दिखाते हैं, जितनी दशकों पहले दिखाते थे।
थलाइवा का जादू आज भी कायम
75 साल की उम्र में भी रजनीकांत की लोकप्रियता कम नहीं हुई है। देशभर से उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं मिल रही हैं।
उनके फैंस आज भी उन्हें भगवान की तरह मानते हैं, उनकी हर फिल्म को त्योहार की तरह सेलिब्रेट करते हैं।
मराठी मूल, कर्नाटक में जन्म और तमिलनाडु में जीवन—इन तीनों संस्कृतियों की मिश्रित यात्रा ने रजनीकांत को दुनिया का सबसे अनोखा और महान कलाकार बना दिया है। उनका सफर आज भी लाखों युवाओं को प्रेरणा देता है कि प्रतिभा जाति, भाषा और प्रदेश की सीमाओं से कहीं ऊपर होती है।





