रिपोर्ट- उमेश डहरिया
कोरबा जिले के करतला विकासखंड के हाथी प्रभावित ग्रामीण इलाकों में पिछले एक महीने से लगातार रात में बिजली कटौती की जा रही है। हालात इतने खराब हैं कि दर्जनों गांव रोजाना घंटों अंधेरे में डूबे रहते हैं। इससे ग्रामीण जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और बच्चों की पढ़ाई पर गंभीर असर पड़ रहा है।

- दर्जनों गांवों में हर रात गुल हो जाती है बिजली
- भैंसमा सबस्टेशन से जुड़े कई गांव
- नोनबिर्रा, सेन्द्रीपाली, नावाडीह, केराकछार, बांधापाली, पीडिया
- सहित दर्जनों ग्रामीण बस्तियों में हर रात बिजली सप्लाई रोक दी जाती है।
ग्रामीणों का कहना है कि बिजली बिल समय पर जमा करने के बावजूद उन्हें अंधेरे में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
बिजली कटौती से कारोबार ठप, नुकसान बढ़ा
अचानक और लगातार हो रही कटौती से दुकानदारों और छोटे व्यापारियों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रात में बिजली न होने से
- दुकानों की बिक्री कम
- ठंडी वस्तुओं का नुकसान
- कारोबार पर सीधा असर हो रहा है।
सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों को दीया, चिमनी और आग के सहारे पढ़ाई
अंधेरे में डूबे गांवों में स्कूल-कॉलेज के छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
कई घरों में बच्चे आज भी दीया, चिमनी और लकड़ी की आग जलाकर पढ़ने को मजबूर हैं, जिससे आंखों पर भी बुरा असर पड़ रहा है। माता-पिता का कहना है कि यह स्थिति बच्चों के भविष्य को सीधे तौर पर अंधकार में धकेल रही है।

ग्रामीणों का आरोप, शिकायत के बाद भी समाधान नहीं
ग्रामीणों ने कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को समस्या से अवगत कराया, लेकिन आरोप है कि
मनमानी और लापरवाही के कारण अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में समस्याएँ और गंभीर हो सकती हैं।





