Vijay Nandan (वरिष्ठ पत्रकार और डिजिटल एडिटर)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी ने अपने प्रचार अभियान को बेहद रणनीतिक तरीके से अंजाम दिया। इस रणनीति के केंद्र में रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, जिन्हें पार्टी ने स्टार प्रचारक के रूप में बिहार भेजा। दिलचस्प बात यह है कि बिहार में किसी भी अन्य राज्य के मुख्यमंत्री की तुलना में मोहन यादव ने सबसे अधिक सभाएं और रोड शो किए—कुल 27 विधानसभा क्षेत्रों में।
विशेषज्ञ मानते हैं कि बीजेपी ने यादव समुदाय के वोट बैंक को साधने के लिए मोहन यादव को मैदान में उतारा। यादव वोट बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं और बीजेपी ने इसे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बिहार में बहार है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 14, 2025
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में देश ने वर्ष 2014 से विकासपरक राजनीति देखी है।
एनडीए को मिल रही बढ़त उसी का परिणाम है। #BiharElection2025 pic.twitter.com/cRIEz51xz4
मोहन यादव का प्रभाव: 27 में से 20 सीटों पर BJP आगे
बीजेपी कैंपेन के आंतरिक आंकड़ों और चुनावी रुझानों के अनुसार, जिन 27 सीटों पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रचार किया, उनमें से 20 सीटों पर भाजपा उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं। यह आंकड़ा बढ़-घट सकता है, लेकिन चुनावी रणनीति की सफलता की ओर संकेत करता है और यह भी बताता है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का प्रभाव सिर्फ मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के बाद अब बिहार में भी मोहन यादव का प्रचार भाजपा के लिए ‘वोट कनवर्जन मशीन’ साबित होता दिख रहा है।
OBC और यादव फैक्टर को साधने की बड़ी रणनीति
बिहार में यादव मतदाता परंपरागत रूप से एक खास राजनीतिक दल की ओर झुकाव रखते आए हैं। लेकिन इस चुनाव में बीजेपी ने समीकरण बदलने की कोशिश की।
मोहन यादव की छवि –
- जमीनी नेता,
- युवा नेतृत्व,
- ओबीसी समुदाय में सशक्त पहचान,
इन तीनों कारणों से उन्हें बिहार में खास तौर पर तैनात किया गया। उन्होंने अपने भाषणों में विकास मॉडल, कानून व्यवस्था और केंद्र व राज्यों की भाजपा सरकारों की योजनाओं को जनता के सामने रखा। उनके रोड शो में बड़ी भीड़ देखी गई, जिससे पार्टी को जमीनी स्तर पर लाभ मिला।
अगर जीत का प्रतिशत बढ़ा, तो बढ़ेगा सीएम डॉ. मोहन यादव का कद
बीजेपी सूत्रों का मानना है कि अगर अंतिम नतीजों में भी रुझानों जैसी ही स्थिति बनी रहती है और सीएम डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रचारित सीटों पर जीत का प्रतिशत 70% से अधिक जाता है, तो उनका कद पार्टी हाईकमान की नजर में और ऊँचा होगा। यह भी माना जा रहा है कि आने वाले राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में सीएम डॉ. यादव की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो सकती है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 ने न सिर्फ राज्य के राजनीतिक समीकरणों को बदला है, बल्कि बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व में भी नए चेहरे उभरते दिख रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का बिहार में असर इस बात का संकेत है कि पार्टी भविष्य में उन्हें एक बड़े रणनीतिक चेहरा और राष्ट्रीय नेता के रूप में आगे बढ़ा सकती है।





