by: vijay nandan
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी को उनके उत्कृष्ट सांस्कृतिक, सामाजिक और राष्ट्रीय कार्यों के लिए एसईएम ग्लोबल यूनिवर्सिटी, रायसेन ने मानद उपाधि डी.लिट. से सम्मानित किया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें यह उपाधि दी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व और श्रीराम तिवारी की दूरदृष्टि में संस्कृति विभाग में हुए नवाचारों ने मध्य प्रदेश को नई पहचान दी है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी को एसईएम ग्लोबल यूनिवर्सिटी, रायसेन के प्रथम दीक्षांत समारोह में ये मानद उपाधि (डी.लिट.) से सम्मानित किया गया है। यह उपाधि उन्हें भारतीय संस्कृति के संरक्षण, सामाजिक जागरूकता और राष्ट्रीय विचार पुनरुत्थान से जुड़े उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदान की गई।

दीक्षांत समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रीराम तिवारी को यह सम्मान प्रदान किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि श्रीराम तिवारी ने अपने लेखन, विचार और सामाजिक पहल के माध्यम से भारतीय संस्कृति को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में और श्रीराम तिवारी की सांस्कृतिक सलाहकारी भूमिका में मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग ने पिछले वर्षों में अनेक नवाचार किए हैं। ‘विक्रमोत्सव’ जैसे आयोजनों को वैश्विक पहचान मिली, जिनमें भारतीय परंपरा, कला और इतिहास को आधुनिक दृष्टि से प्रस्तुत किया गया। ‘विक्रमादित्य शोधपीठ’ के माध्यम से भारतीय नीतिशास्त्र और दर्शन पर केंद्रित अनुसंधान कार्यों को नया आयाम मिला। ‘वीर भारत न्यास’ के तहत राष्ट्रीय मूल्यों और स्वदेशी गौरव को बढ़ावा देने वाली अनेक योजनाएँ लागू की गईं। श्रीराम तिवारी ने संस्कृति विभाग के माध्यम से युवाओं को भारतीय चिंतन, अध्यात्म और कला से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके मार्गदर्शन में प्रदेश की सांस्कृतिक नीतियों में ‘संवेदनशीलता और समग्र भारतीय दृष्टि’ का समावेश हुआ है। आप वर्तमान में वीर भारत न्यास के न्यासी सचिव और महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक हैं.
बीते वर्षों की बात करें तो उन्होंने स्वराज संस्थान संचलनालय, भोपाल में सक्रिय भूमिका निभाई, जहाँ उन्होंने राष्ट्रनायकों के विचारों और स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी स्मृतियों के संरक्षण की दिशा में कार्य किया। साथ ही, वे जनजातीय संग्रहालय, भोपाल से भी जुड़े रहे हैं, जहाँ उन्होंने आदिवासी कला, परंपरा और जीवन मूल्यों को आधुनिक मंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। श्रीराम तिवारी की वैचारिक पहल पर मध्य प्रदेश सरकार ने भारतीय परंपरा और वैदिक ज्ञान पर आधारित “वैदिक घड़ी” तैयार की है। जो सीएम हाउस भोपाल में स्थापित की गई है। यह पहल भारतीय समय गणना के मूल सिद्धांतों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का प्रयास है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयासों से मध्य प्रदेश अब देशभर में संस्कृति और अध्यात्म की नई राजधानी के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दृष्टि और श्रीराम तिवारी की सलाह से “संस्कृति से समृद्ध मध्य प्रदेश” का सपना साकार होता दिखाई दे रहा है।





