BY: Yoganand Shrivastva
मुंबई/पुणे: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार पर 1,800 करोड़ रुपये की जमीन घोटाले का गंभीर आरोप लगा है। मामला पुणे के कोरेगांव पार्क इलाके की 40 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसे लेकर राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है। विपक्ष ने अजित पवार के इस्तीफे की मांग तक कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, पार्थ पवार की कंपनी अमेडिया होल्डिंग एलएलपी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इस जमीन को महज 300 करोड़ रुपये में खरीदा, जबकि इसका मार्केट मूल्य लगभग 1,800 करोड़ रुपये था।
घोटाले का तरीका:
मुंढवा इलाके की जमीन महार वतनदारों की है, जिसे सरकार के नियंत्रण में रखा गया है। जमीन को बेचने या ट्रांसफर करने के लिए जिला अधिकारी की अनुमति आवश्यक होती है। आरोप है कि साल 2007 से शीतल तेजवाणी नामक महिला ने 272 महार वतनदारों से संपर्क कर जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी अपने नाम करवा ली। इसके बाद पार्थ पवार और उनके ममेरे भाई दिग्विजय अमरसिंह पाटिल ने दिसंबर 2021 में अमेडिया होल्डिंग एलएलपी कंपनी बनाई और इसी कंपनी के माध्यम से जमीन खरीदी।
स्टैम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन में अनियमितता:
अमेडिया ने उद्योग विभाग से डेटा सेंटर बनाने के नाम पर स्टैम्प ड्यूटी माफ कराने की याचिका दी। महज 48 घंटे में याचिका मंजूर कर लगभग 21 करोड़ रुपये की स्टैम्प ड्यूटी माफ कर दी गई। रजिस्ट्रेशन के दौरान, जमीन की वास्तविक कीमत के अनुसार 6 करोड़ रुपये की ड्यूटी भरनी थी, लेकिन कंपनी ने केवल 30,500 रुपए भरकर रजिस्ट्रेशन करवा लिया, जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ।
राजनीतिक महत्व:
कोरेगांव पार्क पुणे का सबसे पॉश इलाका है, जहां एक स्क्वायर फीट की कीमत करीब 10,700 रुपए है। इस हिसाब से जमीन की वास्तविक कीमत लगभग 1,800 करोड़ रुपये है। आरोप है कि इस डील से पार्थ पवार को लगभग 600 गुना मुनाफा हुआ। मामले की जांच अभी जारी है और पार्थ पवार और संबंधित अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना है।





