Mohit Jain
मध्यप्रदेश में अब मौसम ने करवट ले ली है। लगातार बारिश और आंधी के बाद ठंडक बढ़ने लगी है। मंगलवार को ग्वालियर-चंबल संभाग में रात का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। सुबह के समय कई इलाकों में घना कोहरा भी छाया रहा। वहीं दिन में ज्यादातर जगहों पर पारा 30 डिग्री के आसपास रहा।
जबलपुर समेत 16 जिलों में बूंदाबांदी के आसार
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल और शहडोल संभाग में बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है।
इन जिलों में बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है रायसेन, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, कटनी, सिवनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट।
वहीं भोपाल, इंदौर और उज्जैन में तेज धूप खिली रहेगी।
साइक्लोनिक सर्कुलेशन और वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, मध्यप्रदेश के उत्तरी हिस्से में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है। इसके चलते कुछ जिलों में बूंदाबांदी हो रही है। साथ ही, वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी सक्रिय है, जिससे हिमालयी इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। इसके बाद उत्तर भारत से आने वाली ठंडी हवाएं एमपी में तापमान गिरा देंगी।
2-3 डिग्री तक गिर सकता है पारा
5 और 6 नवंबर को कुछ जिलों में हल्की बारिश के बाद उत्तर दिशा से ठंडी हवाएं आने लगेंगी। मौसम विभाग ने बताया कि इससे तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आएगी।
15 नवंबर के बाद तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा, खासकर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में, जहां उत्तरी हवाओं का सीधा असर पड़ता है।
नवंबर के दूसरे सप्ताह से बढ़ेगी ठंड
मौसम विभाग का अनुमान है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से राज्य में ठंड का असर और तेज होगा। ऐतिहासिक रिकॉर्ड के मुताबिक, ग्वालियर में नवंबर माह में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस (56 साल पहले) और उज्जैन में 2.3 डिग्री (52 साल पहले) तक दर्ज हो चुका है।
इस बार भी नवंबर के अंत तक ऐसा ही ठंडा मौसम देखने को मिल सकता है।





