Reporter: Sunil kumar Thakur, Edit By: Mohit Jain
बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर तहसील कार्यालय में भूमाफियाओं और राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से पण्डो विशेष पिछड़ी जनजाति (PVTGs) के लोगों की जमीन लूटे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष उदय कुमार पण्डो के नेतृत्व में पण्डो समाज के सैकड़ों लोगों ने तहसील कार्यालय का घेराव किया और ज्ञापन सौंपा।
राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी का आरोप

पण्डो समाज ने आरोप लगाया कि तहसील रामचंद्रपुर के रीडर तहसीलदार और भूमाफिया निखिल गुप्ता व राजेंद्र गुप्ता की मिलीभगत से पण्डो जनजाति के राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड़ की जा रही है। पण्डो जाति के स्थान पर “परहिया” लिखकर उन्हें सामान्य वर्ग का दिखाया जा रहा है, जिससे उनकी पुश्तैनी जमीन गैर-आदिवासियों को बेची जा सके।
आदेशों की खुलेआम अवहेलना
सरगुजा संभाग के कमिश्नर कार्यालय ने पहले ही आदेश जारी किए थे कि पण्डो जनजाति की जमीन को सामान्य जाति के नाम पर बेचा या रजिस्ट्री नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके तहसील रामचंद्रपुर के रीडर कार्यालय द्वारा इन आदेशों की अवहेलना की जा रही है।
शिकायतें नहीं सुनी जा रही
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि तहसील कार्यालय में पण्डो जनजाति से संबंधित शिकायतें स्वीकार नहीं की जा रही हैं। उल्टे, भूमाफियाओं से मिलीभगत कर गरीब, अशिक्षित पण्डो परिवारों को गलत जानकारी देकर गुमराह किया जा रहा है। कई मामलों में उन्हें अपमानित किया गया है और उनके दस्तावेजों में गलत जाति दर्ज की गई है।
पण्डो समाज की 8 सूत्रीय प्रमुख मांगें

- भूमाफियाओं और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
- जाति गलत लिखने पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
- भूमि लूट और उत्पीड़न रोकने की मांग।
- सरकारी कार्यालयों में भेदभाव खत्म हो।
- फर्जी रजिस्ट्री रोकने की मांग।
- स्वास्थ्य सेवाओं में भेदभाव न हो।
- जाति प्रमाण पत्र सरलीकरण।
- वन भूमि पर कब्जे का संरक्षण।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
समाज ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो पण्डो जनजाति सामूहिक रूप से चक्का जाम, पदयात्रा और राजभवन-सीएम हाउस घेराव जैसे उग्र आंदोलन करने को विवश होगी।





