
Mohit Jain
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआई) ने प्रदेशभर में दोपहिया वाहन चालकों और पीछे बैठने वाले (पिलियन राइडर) के लिए हेलमेट अनिवार्यता को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। 23 अक्टूबर से 5 नवंबर तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जबकि 6 नवंबर से बिना हेलमेट पहने वाहन चालक और पिलियन राइडर के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू होगी।
सख्ती के निर्देश और जिम्मेदारी
एडीजी पीटीआरआई मोहम्मद शाहिद अबसार के अनुसार, चेकिंग पॉइंट पर पुलिसकर्मी बिना हेलमेट पाए जाने पर वाहन चालक को जाने देने के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। हेलमेट न पहनने पर कार्रवाई पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन और बॉडी वॉर्न कैमरे के जरिए दर्ज की जाएगी। लगातार उल्लंघन करने वालों की जानकारी परिवहन विभाग को भेजी जाएगी और लाइसेंस अमान्य किए जा सकते हैं।

हेलमेट की अहमियत
मध्य प्रदेश में 2024 में हुए 56,669 सड़क हादसों में 13,661 लोगों की मौत हुई। इनमें से 53.8% मौतें दोपहिया वाहन चालकों की थीं और 82% मौतें बिना हेलमेट पहने चालकों की। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इन चालक ने हेलमेट पहना होता, तो उनकी जान बच सकती थी।
ओला, उबर और रैपिडो चालकों पर भी सख्ती
भोपाल में करीब 4,000 दोपहिया वाहन ओला, उबर और रैपिडो से जुड़े हैं। हेलमेट अभियान के दौरान इन चालकों और उनके यात्रियों के हेलमेट की भी जांच की जाएगी। पिलियन राइडर को भी अपना हेलमेट लेकर राइड पर सवार होना होगा।