रिपोर्ट: हिमांशु पटेल, एडिट- विजय नंदन
रायपुर: राजधानी रायपुर में इस बार दीपावली के मौके पर एक ऐसा बयान सामने आया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दिया है। भाजपा विधायक पुरन्दर मिश्रा ने नक्सलियों को “भाई” कहकर संबोधित करते हुए उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी हैं। उनके इस बयान ने एक बार फिर सत्ताधारी पार्टी को असहज स्थिति में खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर भाजपा लगातार नक्सलवाद के खात्मे की बात करती है, वहीं उसी पार्टी के विधायक नक्सलियों को “भाई” कहकर संबोधित कर रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या पुरन्दर मिश्रा नक्सलियों के प्रति नरम रुख दिखा रहे हैं या फिर यह सिर्फ सुर्खियां बटोरने का नया तरीका है?

विवादों से पुराना नाता: पुरन्दर मिश्रा का विवादों से पुराना नाता रहा है। हाल ही में दशहरा उत्सव के मंच से उन्होंने “राम का दहन” कहकर भी भारी नाराज़गी बटोरी थी। अब यह नया बयान फिर उनके विरोधियों को हमला बोलने का मौका दे रहा है। राजनीति में बयानबाजी की मर्यादा कब टूटती है, यह पूरन्दर मिश्रा से बेहतर शायद कोई नहीं जानता। सवाल यह है कि क्या भाजपा ऐसे “विवादित सुरों” पर अब भी मौन रहेगी?
भाजपा विधायक के बयान के बाद कांग्रेस को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने विधायक के बयानों पर तंज कसते हुए उन्हें घेरा और तीखे सवाल खड़े किए। कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा, “भाजपा विधायक मिश्रा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। नक्सलियों को दीपावली की शुभकामनाएं देना बेहद निंदनीय और आपत्तिजनक है।”
उन्होंने आगे कहा, “नक्सली विकास के बाधक हैं। उनकी वजह से हमारे कई जवानों की शहादत हुई है और कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं को समाप्त किया गया है। उसके बाद भाजपा विधायक का यह नक्सलियों से लगाव समझ से परे है।” कांग्रेस प्रवक्ता ने सीधे आरोप लगाया कि “यह भाजपा का नक्सलियों के प्रति नरम रुख है।” उन्होंने मांग करते हुए सवाल उठाया कि बीजेपी स्पष्ट करे कि वह प्रदेश की जनता के साथ है या नक्सलियों के साथ है?