BY: Yoganand Shrivastva
महाराष्ट्र: बीड जिले से बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने एक जनसभा के दौरान कहा कि हिंदू लड़कियों को जिम जाने की बजाय घर पर ही योग करना चाहिए। उनके अनुसार, जिम में ट्रेनिंग देने वाले कुछ लोग लड़कियों को “फंसाने की कोशिश” करते हैं, इसलिए परिवारों को सतर्क रहना चाहिए।
विधायक पडलकर ने कहा, “मैं बेटियों से निवेदन करता हूं कि किसी के बहकावे में न आएं। बहुत बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है। जिम में कौन ट्रेनर है, यह देखिए। योग जैसी गतिविधियां घर पर की जा सकती हैं, जिम जाने की कोई आवश्यकता नहीं। कुछ लोग खेल और फिटनेस के नाम पर हमारी बेटियों को निशाना बना रहे हैं।”
बयान पर मचा विरोध
पडलकर के इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक वर्गों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। आलोचकों का कहना है कि विधायक का यह वक्तव्य महिलाओं की स्वतंत्रता और समानता के अधिकारों पर सवाल खड़ा करता है।
विरोध करने वालों ने कहा कि महिलाओं को सिर्फ घर तक सीमित करने की मानसिकता स्वीकार्य नहीं है। कई लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि विधायक का बयान सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है और यह समाज में नफरत फैलाने का काम करता है।
पहले भी विवादों में रहे हैं पडलकर
यह पहली बार नहीं है जब गोपीचंद पडलकर विवादों में आए हों। इससे पहले 17 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उनके समर्थकों और एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच विधान भवन में झड़प हो गई थी।
इस घटना से एक दिन पहले दोनों विधायकों के बीच तीखी बहस भी हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पूरे प्रकरण पर दुख जताया था और कहा था कि सभी विधायकों को संसदीय मर्यादा और आचरण का पालन करना चाहिए।
हालांकि, घटना के बाद पडलकर और आव्हाड दोनों ने विधानसभा में अपने समर्थकों के व्यवहार पर खेद व्यक्त किया था। विधायक पडलकर के ताज़ा बयान ने एक बार फिर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है और इस पर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच बहस जारी है।





