रिपोर्टर: आकाश सेन, अपडेट: योगानंद श्रीवास्तव
भोपाल: मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने राज्य के लाखों शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों को बड़ी राहत दी है। लगभग 9 साल बाद प्रमोशन की राह साफ करते हुए सरकार ने पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस ऐतिहासिक निर्णय पर मुहर लगी, जिससे करीब 4 लाख कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।
प्रमोशन के इस फैसले में आरक्षित वर्ग की हिस्सेदारी का भी विशेष ध्यान रखा गया है, साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी प्रकार की विधिक बाधा न आए। इसके लिए अग्रिम DPC, रिव्यू DPC और पात्रता निर्धारण जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने खुद संभाली कमान, फार्मूले पर हुआ विस्तृत प्रजेंटेशन

इस फैसले के पीछे सीएम मोहन यादव की सक्रिय भूमिका रही। सूत्रों के अनुसार, पिछले तीन महीनों से सरकार इस दिशा में लगातार प्रयासरत थी। मुख्यमंत्री के सामने दो बार सामान्य प्रशासन विभाग ने पदोन्नति का फार्मूला प्रस्तुत किया, जिसमें सपाक्स और अजाक्स प्रतिनिधि भी शामिल थे।
आखिरकार सोमवार देर रात तक चले मंथन के बाद प्रमोशन को कैबिनेट एजेंडे में शामिल किया गया और मंगलवार को इसे मंजूरी मिल गई।
क्या है प्रमोशन योजना की प्रमुख बातें?
- पहली DPC मीटिंग जून 2025 के अंत तक कराने की तैयारी।
- दूसरे चरण की DPC सितंबर-अक्टूबर में होगी।
- फार्मूले में वरिष्ठता और उपयोगिता दोनों का आकलन होगा।
- रिटायर हो चुके कर्मचारियों पर अभी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं।
- रिव्यू DPC के माध्यम से पुनर्विचार की व्यवस्था।
- फार्मूला सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
विवाद और तैयारी: कोर्ट में चुनौती की आशंका
सरकार को यह भी आभास है कि इस निर्णय को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामले को लेकर भी रणनीति तैयार की गई है। सरकार कोर्ट से यह स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगने की योजना बना रही है कि पदोन्नति किस नियम के अंतर्गत दी जा सकती है।
गौरतलब है कि 2016 से प्रमोशन में आरक्षण को लेकर विवाद चल रहा है, जिसके चलते एक लाख से अधिक कर्मचारी बिना प्रमोशन रिटायर हो चुके हैं।
कैबिनेट के अन्य फैसले भी अहम

✅ 459 नए सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों को मंजूरी
- योजना सहरिया, बैगा जैसे क्षेत्रों में लागू होगी
- 143 करोड़ का बजट, केंद्र और राज्य मिलकर वहन करेंगे
- 449 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 459 सहायिका और 26 सुपरवाइजर की भर्ती होगी
✅ किसानों को राहत – MSP पर खरीदी की घोषणा
- मूंग: ₹8682/क्विंटल (36 जिलों में)
- उड़द: ₹7400/क्विंटल (13 जिलों में)
- खरीदी अवधि: 7 जुलाई से 6 अगस्त तक
✅ लाड़ली बहना योजना में बढ़ोतरी
- रक्षाबंधन पर बहनों को 250 रुपये अतिरिक्त यानी कुल ₹1500 मिलेंगे
✅ योग दिवस और MSME डे पर बड़े आयोजन
- 21 जून: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जिले-जिले कार्यक्रम
- 27 जून: रतलाम में MSME डे पर रोजगार सम्मेलन
- 7 जुलाई: लुधियाना में MSME पर नेशनल सेशन
क्या कहते हैं जानकार?
राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला सरकारी मशीनरी में नई ऊर्जा का संचार करेगा। साथ ही इससे रुकी हुई नई भर्तियों का रास्ता भी साफ होगा। चूंकि प्रमोशन के बाद कई पद रिक्त होंगे, इसलिए भर्ती प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो सकती है।
एक ऐतिहासिक शुरुआत, पर चुनौतियां अभी बाकी
मोहन सरकार का यह फैसला राज्य के कर्मचारियों के लिए बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला कदम है, लेकिन इसकी कानूनी राह आसान नहीं होगी। हालांकि सरकार ने नीति, रणनीति और प्रक्रियाओं के स्तर पर खुद को मजबूत करने की तैयारी कर ली है।
अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट में यह फार्मूला कितनी मजबूती से टिक पाता है। लेकिन एक बात स्पष्ट है—9 साल की प्रतीक्षा के बाद राज्य के लाखों कर्मचारी अब आगे बढ़ते हुए देखेंगे खुद को।