Mohit Jain
सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के विचारार्थ विषयों को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। इससे पहले सरकार ने जनवरी 2025 में आयोग के गठन की घोषणा की थी, अब इसकी औपचारिक रूप से पुष्टि हो गई है।
आयोग की संरचना और समयसीमा

8वां केंद्रीय वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय होगा जिसमें एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई आयोग की अध्यक्षता करेंगी। आयोग को अपने गठन की तारीख से 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपनी होंगी। आवश्यकता पड़ने पर यह आयोग किसी विशेष विषय पर अंतरिम रिपोर्ट भी भेज सकेगा।
किन बिंदुओं पर ध्यान देगा आयोग
वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय देश की आर्थिक स्थिति और सरकारी वित्तीय संतुलन को ध्यान में रखेगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगा कि विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहें।
गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं के बोझ, राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति और निजी व सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों की मौजूदा वेतन संरचना का तुलनात्मक अध्ययन भी आयोग के कार्यक्षेत्र में शामिल रहेगा।
कब से लागू होंगी सिफारिशें
केंद्र सरकार का वेतन आयोग आमतौर पर हर 10 साल के अंतराल पर अपनी सिफारिशें लागू करता है। इसी क्रम में 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को भी 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाना संभावित है। आयोग के रिपोर्ट सौंपने के बाद सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से लागू कर सकती है।
कितने कर्मचारियों को होगा फायदा

8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से देश के करीब 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और लगभग 69 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। इसमें रक्षा सेवाओं के कर्मी, रेलवे और बैंक कर्मचारी, साथ ही अन्य केंद्रीय विभागों में कार्यरत अधिकारी शामिल हैं।
सैलरी में कितनी बढ़ोतरी संभव
हालांकि सरकार ने अभी आधिकारिक वेतन स्लैब या फिटमेंट फैक्टर घोषित नहीं किया है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक फिटमेंट फैक्टर 2.86 के आसपास रह सकता है। इस आधार पर कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 14 से 18 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है।
उदाहरण के तौर पर, जो कर्मचारी वर्तमान में हर महीने 1 लाख रुपये वेतन पा रहा है, उसकी सैलरी बढ़कर 1.14 से 1.18 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। इस तरह औसतन 19 हजार रुपये की मासिक बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
क्यों जरूरी होता है वेतन आयोग

केंद्रीय वेतन आयोग का गठन समय-समय पर इसलिए किया जाता है ताकि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और अन्य सेवा शर्तों को देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति और महंगाई दर के अनुरूप संशोधित किया जा सके। यह आयोग कर्मचारियों के हितों के साथ-साथ सरकार की वित्तीय क्षमता का भी संतुलन बनाए रखता है।
8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित फैसला माना जा रहा है। यदि यह जनवरी 2026 से लागू होता है, तो इससे करोड़ों परिवारों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा और पेंशनभोगियों की आय में भी उल्लेखनीय सुधार होगा





