BY: Yoganand shrivastva
भारत की जलनीति के जवाब में पाकिस्तान में मचा हड़कंप
पिछले कुछ दिनों से भारत द्वारा चिनाब नदी पर स्थित बगलिहार और सलाल जलाशयों के सभी गेट बंद रखने के बाद अचानक मंगलवार रात को 28,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस तेज बहाव के कारण पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कई क्षेत्रों—जैसे सियालकोट, गुजरात और हेड कादिराबाद—में बाढ़ की आशंका उत्पन्न हो गई है। पाकिस्तानी प्रशासन ने इन क्षेत्रों में संभावित जलप्रलय को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है।
24 घंटे में सूखा और फिर बाढ़ जैसी स्थिति
भारत द्वारा जल प्रवाह रोकने से पहले चिनाब का सामान्य बहाव 25,000 से 30,000 क्यूसेक था, लेकिन गेट बंद होने के बाद यह घटकर सिर्फ 3,100 क्यूसेक रह गया था, जिससे नदी का प्रवाह लगभग थम सा गया था। अचानक तेज बहाव से पाकिस्तान के कई शहरों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे स्थानीय प्रशासन को सतर्कता बरतनी पड़ी।
पानी की किल्लत से जूझ रहा पाकिस्तान
भारत की इस कार्रवाई का असर पाकिस्तान के कम से कम 24 बड़े शहरों में साफ दिखाई देने लगा है। रामबन स्थित बगलिहार डैम से पानी रोके जाने के बाद सियालकोट में चिनाब का जलस्तर 15 फीट तक गिर गया, जो सामान्य से करीब 7 फीट कम है। जल संकट के कारण फैसलाबाद, हाफिजाबाद समेत कई इलाकों में लगभग तीन करोड़ लोगों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ा है।
कृषि पर भी गंभीर असर
चिनाब के जल प्रवाह में आई गिरावट का सीधा असर पाकिस्तान की कृषि पर भी देखा जा रहा है। पाकिस्तानी कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ फसलों की बुआई में करीब 21 फीसदी तक की गिरावट की आशंका है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि स्थिति ऐसे ही बनी रही, तो आने वाले महीनों में खाद्यान्न उत्पादन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।