संसद के मानसून सत्र में गुरुवार (25 जुलाई) को एक बार फिर से केंद्रीय बजट पर चर्चा शुरू हो गई है। बुधवार (24 जुलाई) को संसद में काफी ज्यादा हंगामा देखने को मिला था,जो आज भी होने के आसार नजर आ रहे हैं। आज केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जितेंद्र सिंह, अर्जुन राम मेघवाल और कीर्तिवर्धन सिंह संसद में दस्तावेज पेश करेंगे।
बजट पेश किए जाने के बाद से ही काफी ज्यादा हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष का कहना है कि इस बजट को सरकार बचाने के लिए लाया गया है। इसमें बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों को ज्यादा पैसा दिया गया है, क्योंकि वहां की दो प्रमुख पार्टियों जेडीयू और टीडीपी के भरोसे वर्तमान सरकार चल रही है। मगर जिन राज्यों में बीजेपी को हार मिली है, उनका जिक्र तक नहीं किया गया है। इसे लेकर बुधवार को इंडिया गठबंधन के सांसदों ने प्रदर्शन भी किया था। खड़गे के बयान पर मचा बवाल
इसके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे के एक बयान पर भी बवाल मचा है। बीजेपी इस मुद्दे को उछाल रही है। दरअसल, बुधवार को राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ‘माताजी’ कहकर संबोधित किया था। जिसका बीजेपी की ओर से विरोध जताया जा रहा है। वहीं कांग्रेस की ओर से इसका बचाव किया जा रहा है। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक से आते हैं और हर महिला को संबोधित करने के लिए ‘अम्मा’ का इस्तेमाल किया जाता है। ‘माताजी’ सिर्फ ‘अम्मा’ का अनुवाद है। निर्मला सीतारमण को सम्मानित महसूस करना चाहिए। मल्लिकार्जुन खड़गे पूरे देश की भावनाओं को व्यक्त कर रहे थे। खड़गे उन सभी राज्यों का नाम लिया जिन्हें बजट में कुछ नहीं मिला।”
विपक्ष बेवजह हल्ला कर रहा- किरण रिजिजू
संसदीय कार्य मंत्री और बीजेपी सांसद किरण रिजिजू ने कहा, “संसदीय कार्य मंत्री होने के नाते मैं फिर अपील करता हूं कि बजट सत्र में बजट पर चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष किसानों, छोटे आदिवासियों के लिए किए गए प्रावधानों पर चर्चा क्यों नहीं करता? जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनादेश दिया है, आप इसका अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं। यह बिल्कुल ठीक नहीं है। बजट सत्र में बजट पर चर्चा होनी चाहिए।