50-60 करोड़ की ड्रग्स के खेप मिलने की तो कई खबरें आपने सुनी होंगी, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली से हैरतअंगेज़ मामला सामने आया है। जहां से 100-200 नहीं बल्कि पूरे 5600 करोड़ की ड्रग्स बरामद की गई है, इतना बड़ा ड्रग्स का ज़खीरा जहां पुलिस प्रशासन की बड़ी सफलता बताया जा रहा है। तो वहीं, अब तक का सबसे बड़ा ड्रग्स सप्लाई का मामला भी माना जा रही है। नशे के सौदागर ड्रग्स को राजधानी दिल्ली और एनसीआर में खपाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ के आधार पर लगातार खुलासे हो रहे है।
पुलिस लगातार ऑपरेशन कवच चला रही
दरअसल, दिल्ली पुलिस लगातार ऑपरेशन कवच चला रही है, जिसक तहत लगातार पुलिस इस सिंडिकेट का पता लगाने की कोशिश कर रही थी। पिछले दो महीनों से पुलिस की कई टीमें इसमें काम कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को ड्रग्स सप्लाई का इनपुट मिला कि कुछ तस्कर ड्रग्स को राजधानी और एनसीआर में खपाने की कोशिश कर रहे है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनसे मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।
पुलिस ने दी ये जानकारी
स्पेशल सेल के प्रमोद सिंह कुशवाह ने बताया कि एक आरोपी का नाम तुषार गोयल है। यह दिल्ली के वसंत विहार का रहने वाला है, उसके दो दोस्त हिमांशु और औरंगजेब भी साथ थे। तीनों आरोपियों को कुर्ला वेस्ट से रिसीवर भरत जैन के साथ पकड़ा गया है। पुलिस के मुताबिक तुषार, हिमांशु और औरंगजेब के पास से करीब 15 किलोग्राम कोकीन बरामद की गई है। उन्हें तब पकड़ा गया जब वे रिसीवर को सप्लाई देने के लिए महिपालपुर एक्सटेंशन के गोदाम से बाहर आ रहे थे।
राजनीति बहसबाजी हुई तेज
कुशवाह ने यह भी बताया कि पुलिस को गोदाम के तीसरे फ्लोर से 23, पोलो शर्ट में कोकीन और एक बॉक्स में मेरवाना मिला है। पुलिस के मुताबिक आरोपी दिल्ली समेत विदेश में ड्रग्स सप्लाई करने की फिराक में थे। लेकिन पुलिस की चाक चौबंद निगरानी के चलते नाकामयाब हो गए। इस आपरेशन में जहां पुलिस को हिस्सों में थोड़ी कोकीन मिली थी लेकिन कार्रवाई में आगे बढ़ते हुए 5600 करोड़ की बड़ी खेप मिली है, मामले में कई खुलासे होना बाकी है। पूरे मामलो को लेकर राजनीतिक बहसबाज़ी भी जारी है क्योंकि, मुख्य आरोपी को राजनीतिक संरक्षण की बात सामने आ रही है। मुख्य आरोपी राजनीतिक दल का कार्यकर्ता भी बताया जा रहा है, देखना होगा कि, मामले में और कितने नामों के खुलासे होते है।