जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। इसके साथ ही राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर हमला भी शुरू कर दिया है। बीते दिन भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने घाटी में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलायंस के अटकलों पर राहुल गांधी से कई सवाल पूछे थे। जिसको लेकर अब कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस देव सिंह ने अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि अब चुनाव आ गया है। बीजेपी नेता अब कुछ ऐसी ही बातें करेंगे।
शाह गैर-जिम्मेदाराना बातें ना करें- कांग्रेस
NC-कांग्रेस गठबंधन को लेकर अमित शाह के सवालों पर कांग्रेस नेता टी. एस. सिंह देव ने कहा, “चुनाव आ गया है, अब अमित शाह ऐसी कुछ बातें बोलेंगे। वे गृह मंत्री हैं। अगर देश के खिलाफ कोई है तो क्या उन्होंने कोई कार्रवाई शुरू की। उन्हें ऐसी गैर-जिम्मेदाराना बातें नहीं करनी चाहिए…”
अमित शाह ने क्या कहा था?
दरअसल, मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसी साथ में मिलकर चुनाव लड़ेंगे। इसी को देखते हुए शुक्रवार यानी 23 अगस्त को अमित शाह ने अपने अधिकारिक एक्स हैंडल से कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कुछ सवाल पूछे थे।
अमित शाह ने एक्स पर लिखा था, मोदी सरकार ने ‘आर्टिकल 370 और 35A’ हटाने के बाद वर्षों से दलितों, आदिवासियों, पहाड़ियों और पिछड़ों के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करके उन्हें आरक्षण देने का काम किया।
क्या राहुल गांधी JKNC के घोषणापत्र में उल्लेखित दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त करने वाले आरक्षण विरोधी प्रस्ताव का समर्थन करते हैं?
नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन करने के बाद कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को देश के सामने अपनी आरक्षण नीति को स्पष्ट करना चाहिए।
शाह ने राहुल से पूछे थे ये सवाल
- कांग्रेस ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है?
- क्या राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी धारा 370 और आर्टिकल 35A को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के JKNC के निर्णय का समर्थन करती है?
- क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?
- क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी, पाकिस्तान के साथ ‘LoC ट्रेड’ शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं?
- क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है?
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव
जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होना है। पहले चरण का चुनाव 18 सिंतबर, दूसरे चरण का चुनाव 25 सितंबर और तीसरे एवं अंतिम चरण के लिए मतदान 1 अक्टूबर को होंगे। जबकि नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर में कुल 87.09 लाख मतदाता
चुनाव आयोग प्रमुख राजीव कुमार ने बताया था कि, जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 74 सामान्य, एससी-7 और एसटी-9 हैं। जम्मू-कश्मीर में कुल 87.09 लाख मतदाता होंगे, जिनमें से 44.46 लाख पुरुष, 42.62 लाख महिलाएं, 3.71 लाख पहली बार मतदाता और 20.7 लाख युवा मतदाता हैं।
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