ममता बनर्जी की सरकार ने आज यानी 3 सितंबर को पश्चिम बंगाल विधानसभा में ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024’ पेश किया। विधानसभा से पास होने के बाद यह विधेयक राज्यपाल के पास जाएगा। जिनके हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा। इस विधेयक को भाजपा ने भी अपना समर्थन दिया है। बता दें कि पिछले महीने की 8-9 तारीख को राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता ने पूरे देश को सन्न करके रख दिया था। इसी को देखते हुए देशभर के डॉक्टर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और कठोर से कठोर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इसी को देखते हुए राज्य की टीएमसी सरकार ने विधानसभा में महिला और बेटियों की सुरक्षा को लेकर बिल पेश किया। इस बिल पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी विधानसभा में भाषण दिया और जमकर बीजेपी व पीएम मोदी पर निशाना साधा।
मैंने मृतक डॉक्टर के माता-पिता से…
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024’ को लेकर विधानसभा में कहा, “43 साल पहले इसी दिन 1981 में, संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए ‘महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर सम्मेलन’ के लिए एक समिति बनाई थी… मैं नागरिक समाजों से लेकर छात्रों तक सभी का अभिनंदन करती हूं, जो महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं।”
उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला के साथ हुई बर्बरता को लेकर आगे कहा, “डॉक्टर की मौत 9 अगस्त को हुई… मैंने मृतक डॉक्टर के माता-पिता से उसी दिन बात की जिस दिन घटना हुई, उनके घर जाने से पहले उन्हें सारा ऑडियो, वीडियो, CCTV फुटेज सब कुछ दिया गया ताकि उन्हें सब पता चल सके। मैंने उनसे साफ कहा कि मुझे रविवार तक का समय दें, अगर हम तब तक सभी को गिरफ्तार नहीं कर पाए तो मैं खुद सोमवार को इसे CBI को सौंप दूंगी… पुलिस ने 12 घंटे में मुख्य आरोपी को पकड़ लिया, मैंने पुलिस से कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में जाएं और फांसी की सजा के लिए आवेदन करें लेकिन मामला CBI को दे दिया गया। अब हम CBI से न्याय की मांग कर रहे हैं। हम शुरू से ही फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं।”
पीएम मोदी को लेकर क्या बोलीं ममता बनर्जी?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखे गए पत्र का जिक्र कर कहा, “…मैंने प्रधानमंत्री को दो पत्र लिखे थे, लेकिन मुझे उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला, बल्कि मुझे महिला एवं बाल विकास मंत्री की तरफ से जवाब मिला, लेकिन मैंने उनके जवाब का भी जवाब देकर प्रधानमंत्री को अवगत कराया। जब चुनाव से पहले जल्दबाजी में न्याय संहिता विधेयक पारित किया गया था, तब मैंने कहा था कि इसे जल्दबाजी में पारित नहीं किया जाना चाहिए, इसमें राज्यों से सलाह नहीं ली गई। मैंने कई बार इसका विरोध किया था कि इस बारे में राज्यों से कोई सलाह नहीं ली गई, इसे राज्यसभा, विपक्ष, सभी दलों से चर्चा करके पारित करें, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसलिए आज हम यह (विधेयक) ला रहे हैं… आप याद रखें, जिस तरह से आपने मेरा अपमान किया है, हमने कभी उस तरह प्रधानमंत्री का अपमान नहीं किया है…”
बिल में पांच कड़े प्रावधान
‘अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024’में पांच कड़े प्रावधान है। इसमें अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और फांसी देने की भी सजा है।
1. अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करना है
2. रेप केस की जांच की 21 दिनों में पूरी करनी होगी। इसे 15 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।
3.अगर रेप पीड़ित की मौत होती है या फिर वह कोमा में जाती है, तो दोषी को फांसी दी जाएगी।
3. हर जिले में ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ बनाई जाएगी। इसका नेतृत्व DSP लेवल के अधिकारी करेंगे।
5. रेप-गैंगरेप के दोषियों को पैरोल के बिना उम्रकैद की सजा दी जाएगी।
बीजेपी ने किया ममता का समर्थन
वहीं पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “…हम इस कानून का तत्काल क्रियान्वयन चाहते हैं, यह आपकी(राज्य सरकार) जिम्मेदारी है। हम परिणाम चाहते हैं, यह सरकार की जिम्मेदारी है। हम कोई विभाजन नहीं चाहते, हम आपका पूरा समर्थन करते हैं, हम मुख्यमंत्री का वक्तव्य आराम से सुनेंगे, वह जो चाहें कह सकती हैं लेकिन आपको यह गारंटी देनी होगी कि यह विधेयक तुरंत लागू होगा…”