BY: Yoganand Shrivastva
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई में पांच देशों – गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राज़ील और अमेरिका – की यात्रा करने वाला ऑल पार्टी प्रतिनिधिमंडल 10 जून को भारत लौट आया।
दौरे के समापन पर थरूर ने कहा कि सरकार ने जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उसे पूरी तरह निभाया गया, और डेलिगेशन के सभी सदस्य संतोषजनक परिणामों के साथ लौटे।
“हमने एकता का संदेश दिया”
शशि थरूर ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य था कि भारत की सभी राजनीतिक पार्टियां एक साथ खड़ी हैं और देश की सुरक्षा व नीति पर उनका साझा रुख है। उन्होंने कहा:
“हमारा मकसद था कि दुनिया को दिखाएं कि भारत एकजुट है। पहलगाम हमले के बाद जो निर्णय लिए गए, उनके पीछे हमारी मजबूरी और सोच थी।”
पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश
थरूर ने यह भी बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साफ कर दिया कि भारत ने आतंकी हमले का जवाब सोच-समझकर दिया और यह कदम पाकिस्तान को स्पष्ट संकेत देने के लिए जरूरी था।
उन्होंने कहा:
“हमने कहा कि अगर कोई हमला करेगा तो जवाब जरूर मिलेगा, लेकिन अगर शांति रहेगी तो भारत भी संयम रखेगा। पाकिस्तान जब रुका, तो हमने भी कदम पीछे खींचे।”
“भारत युद्ध नहीं चाहता”
शशि थरूर ने कहा कि भारत की प्राथमिकता विकास और जनता की बेहतरी है, न कि युद्ध या संघर्ष।
“हम दुनिया को यह बताना चाहते थे कि भारत की नीयत लड़ाई की नहीं है। लेकिन अगर हमारी शांति को चुनौती दी गई, तो हम चुप नहीं बैठ सकते। हमारा फोकस जनता और देश की तरक्की पर है।”
मुख्य बातें संक्षेप में:
- पांच देशों के दौरे से लौटा ऑल पार्टी डेलिगेशन
- सभी दलों ने मिलकर भारत की एकता का संदेश दिया
- पहलगाम हमले के बाद भारत की कार्रवाई को वैश्विक मंच पर समझाया
- पाकिस्तान को शांति और जवाबदेही का संदेश दिया
- भारत का मकसद युद्ध नहीं, विकास है