मध्यप्रदेश में वेयरहाउस संचालकों को मूंग भंडारण के दौरान नमी कटौती और लंबित भुगतान जैसे कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं मुद्दों को लेकर मध्यप्रदेश वेयरहाउस ऑनर्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल 22 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भी शामिल रहे।
क्या थीं प्रमुख समस्याएं?
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से निम्न समस्याओं से अवगत कराया:
1. मूंग भंडारण में नमी की कटौती
- वर्तमान में मूंग के भंडारण में 1.50% से 2% तक नमी सूखत मानी जाती है।
- इससे वेयरहाउस संचालकों को प्रति क्विंटल घाटा उठाना पड़ता है।
- संचालकों की मांग है कि सोयाबीन की तरह मूंग में भी 1% पर 700 ग्राम की सूखत ही मान्य की जाए।
2. लंबित किराया और तुलाई कमीशन
- कई संचालकों को पिछले 2–3 वर्षों से किराया और तुलाई कमीशन का भुगतान नहीं हुआ है।
- इसके कारण कई वेयरहाउस संचालक बैंक किस्तें नहीं भर पा रहे हैं और डिफॉल्टर नोटिस तक मिल चुके हैं।
मुख्यमंत्री का आश्वासन
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों को गंभीरता से सुना और समस्याओं के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार वेयरहाउस संचालकों को हर संभव सहयोग देगी।
प्रमुख अधिकारियों से भी हुई मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी और प्रबंध संचालक अनुराग वर्मा से भी भेंट कर उन्हें इन समस्याओं की विस्तृत जानकारी दी।
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन रहे शामिल?
- नवनीत रघुवंशी – प्रदेश अध्यक्ष
- दीपक जैन – उपाध्यक्ष
- राहुल धूत – प्रचार प्रमुख
- मंगल सिंह, मनीष चौहान, विजय प्रकाश तिवारी
- शैलेन्द्र सिंह रघुवंशी, मनोज शांडिल्य, गिरवर झवर
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मध्यप्रदेश के वेयरहाउस संचालक कई वर्षों से आर्थिक और नीतिगत चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ज्ञापन सौंपकर उन्होंने सरकार से नमी सूखत में राहत, लंबित भुगतान और बैंकिंग समस्याओं के समाधान की मांग की है। अब देखना होगा कि सरकार इन मुद्दों पर कितनी तेजी से कार्य करती है।