पुडुचेरी, 30 जून 2025 — पुडुचेरी की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। उद्योगपति से नेता बने वीपी रामलिंगम आज आधिकारिक रूप से पुडुचेरी बीजेपी अध्यक्ष का पदभार संभालेंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ उनके नाम की औपचारिक घोषणा आज अपने पुडुचेरी दौरे के दौरान करेंगे।
निर्विरोध चुने गए रामलिंगम
रविवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी हुई, जिसमें रामलिंगम इकलौते उम्मीदवार थे। शुक्रवार को उन्होंने नामित विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उनके निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया।
बीजेपी के पुडुचेरी राज्य निर्वाचन अधिकारी एम.के. अखिलन ने बताया कि रामलिंगम का नामांकन जांच के बाद स्वीकार कर लिया गया है।
कौन हैं वीपी रामलिंगम?
63 वर्षीय वीपी रामलिंगम, श्री सब्थगिरी ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रबंध निदेशक हैं। उन्होंने 2021 में बीजेपी जॉइन की थी और उसी साल एआईएनआरसी-बीजेपी गठबंधन सरकार के गठन के बाद उन्हें नामित विधायक बनाया गया था।
परिवार का राजनीतिक प्रभाव
रामलिंगम की यह नियुक्ति उनके बड़े भाई, पूर्व स्पीकर और कांग्रेस विधायक वीपी सिवाकोझुंथु की राजनीतिक वफादारी का इनाम मानी जा रही है। सिवाकोझुंथु ने 2021 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस-डीएमके सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई थी।
संगठनात्मक अनुभव कम, लेकिन रणनीतिक सहयोग मिलेगा
हालांकि रामलिंगम का संगठनात्मक अनुभव सीमित है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र उन्हें वरिष्ठ नेताओं और रणनीतिकारों का पूरा मार्गदर्शन मिलेगा।
बीजेपी को सरकार में मिलेगा कैबिनेट में स्थान
वहीं, मुख्यमंत्री एन. रंगासामी ने रविवार को संकेत दिया कि बीजेपी को सरकार में मंत्री पद मिलने वाला है। उन्होंने बताया कि बीजेपी के एक विधायक का नाम मंत्री पद के लिए सिफारिश किया गया है, हालांकि उन्होंने नाम का खुलासा नहीं किया।
जानिए कौन बन सकते हैं मंत्री
पार्टी सूत्रों की मानें तो वरिष्ठ बीजेपी नेता ए. जॉन कुमार को मंत्री पद मिल सकता है। जॉन कुमार 2021 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। वे ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं और पुडुचेरी में बीजेपी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
उनकी मदद से बीजेपी ने 2021 के विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीती थीं — एक उनके लिए और दूसरी उनके बेटे विविलियन रिचर्ड्स के लिए।
आंतरिक कलह को शांत करने की कोशिश
जॉन कुमार की संभावित मंत्री नियुक्ति को कांग्रेस सरकार गिराने में उनके योगदान और बीजेपी के अंदर चल रही असंतोष की आवाज़ों को शांत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
बता दें कि इससे पहले विधायक पीएमएल कल्याणसुंदरम, पी. अंगालन, गोल्लापल्ली श्रीनिवास अशोक और एम. शिवकंकर समेत कई नेताओं ने पार्टी में अधिक प्रतिनिधित्व की मांग को लेकर असंतोष जताया था।
निष्कर्ष
वीपी रामलिंगम की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति और बीजेपी का सरकार में बढ़ता प्रभाव आने वाले समय में पुडुचेरी की राजनीति को नई दिशा दे सकता है। अब देखना होगा कि बीजेपी नेतृत्व स्थानीय राजनीतिक समीकरणों को कितनी प्रभावी तरीके से संभालता है।