उत्तर प्रदेश का चेहरा तेजी से बदल रहा है। कभी सिर्फ राजनीति और पौराणिक इतिहास के लिए पहचाने जाने वाले यूपी ने अब आर्थिक विकास और इंडस्ट्री के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगा दी है। जानिए कैसे यूपी अब दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े राज्यों को पीछे छोड़ने की दिशा में बढ़ रहा है।
यूपी में बदल रहा है समय, बदल रही है तस्वीर
एक दौर था जब देशभर के युवा नौकरी और कारोबार की तलाश में सिर्फ मुंबई या दिल्ली की ओर रुख करते थे। दक्षिण भारत के राज्यों ने भी समय रहते खुद के बिजनेस हब बना लिए — कर्नाटक का बेंगलुरु, तमिलनाडु का चेन्नई और आंध्र प्रदेश का हैदराबाद इसके बेहतरीन उदाहरण हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश उस वक्त तक सिर्फ राजनीति तक ही सीमित नजर आता था।
अब कहानी बदल गई है। 2025 का उत्तर प्रदेश एक नया चेहरा दिखा रहा है।
आंकड़े बताते हैं यूपी की विकास की रफ्तार
- ऑपरेशनल कंपनियों की संख्या में यूपी देश में तीसरे नंबर पर आ चुका है।
- 2025 में यूपी ने दिल्ली को भी पछाड़ दिया।
- इस साल यूपी में 15,000 से अधिक नई कंपनियां रजिस्टर हुईं, जबकि दिल्ली में सिर्फ 12,700।
- यूपी में अब देश का 40% मोबाइल हैंडसेट प्रोडक्शन होता है।
- सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट में यूपी छठवें स्थान पर पहुंच चुका है।
- आर्थिक विकास दर 7% से 11% के बीच, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
किन वजहों से यूपी बन रहा है निवेशकों की पसंद?
1. विशाल कंज्यूमर बेस
उत्तर प्रदेश की आबादी 24 करोड़ से ज्यादा है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा मार्केट है।
2. मजबूत वर्कफोर्स
यूपी की लगभग 50% से 55% आबादी कामकाजी उम्र में है, जिससे कंपनियों को सस्ती और कुशल मानव संसाधन मिलते हैं।
3. इंडस्ट्रियल पॉलिसी में बदलाव
उत्तर प्रदेश सरकार ने परंपरागत उद्योगों के साथ-साथ स्टार्टअप और ‘सनराइज सेक्टर’ (आईटी, डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रोसेसिंग, सोलर एनर्जी, टूरिज्म, फार्मा) को बढ़ावा देने वाली नीतियां लागू की हैं।
4. बेहतर कानून-व्यवस्था
बीते वर्षों में यूपी में कानून-व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ है, जिससे निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है।
5. नोएडा बना नया औद्योगिक हब
- नोएडा की लोकेशन दिल्ली के बेहद करीब है।
- यहां रियल एस्टेट की लागत दिल्ली की तुलना में कम है।
- बेहतर कनेक्टिविटी और आधारभूत ढांचे ने इसे निवेश का हॉटस्पॉट बना दिया है।
यूपी का नया रूप : अब सिर्फ राजनीति नहीं, औद्योगिक क्रांति भी
कभी केवल किसानों और पॉलिटिक्स की बात करने वाला यूपी अब स्टार्टअप्स, आईटी सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार की औद्योगिक नीति, आधारभूत ढांचे पर फोकस और कानून-व्यवस्था में सुधार ने इसकी रफ्तार और बढ़ा दी है।
क्या यूपी मुंबई और दिल्ली को पूरी तरह पीछे छोड़ देगा?
माना जा रहा है कि जिस तरह से यूपी विकास की रफ्तार पकड़ रहा है, आने वाले सालों में यह महाराष्ट्र और दिल्ली को आर्थिक मोर्चे पर कड़ी टक्कर देगा। कहावत थी — ‘अब दिल्ली दूर नहीं’, लेकिन अब कहा जा सकता है — ‘यूपी के लिए अब मुंबई दूर नहीं।’
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश अब सिर्फ भारत की राजनीति की धुरी नहीं, बल्कि देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाने वाला राज्य बन चुका है। 75 साल का इंतजार लंबा जरूर था, लेकिन जिस तेजी से यूपी आगे बढ़ रहा है, वह दर्शाता है कि यह राज्य आने वाले वर्षों में देश की आर्थिक शक्ति का बड़ा केंद्र बनेगा।