लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में प्रदेश के व्यापारियों को ‘आपातकाल’ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। सरकार व्यापारियों की मदद करने के बजाय सिर्फ बिचौलियों का मुनाफा बढ़ाने में लगी है।
व्यापारियों से नजराना वसूली का आरोप
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की ‘चंदा पॉलिसी’ के तहत व्यापारियों से जबरन नजराना वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापारी डर और दबाव में काम कर रहे हैं, जबकि भाजपा के करीबी लोग मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
प्रमुख बातें:
- व्यापारियों पर झूठे जीएसटी नोटिस भेजे जा रहे हैं
- निवेश के नाम पर एडवांस कमीशन की मांग की जा रही है
- आवाज उठाने वाले व्यापारियों पर छापेमारी कर उन्हें बर्बाद किया जा रहा है
‘सिर्फ सेटलमेंट पॉलिसी’ का आरोप
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में कोई ठोस व्यापार नीति नहीं है। सरकार सिर्फ ‘सेटलमेंट पॉलिसी’ चला रही है, जिससे बिचौलियों को फायदा मिल रहा है और ईमानदार व्यापारियों का शोषण हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि अगर कोई व्यापारी सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसके खिलाफ छापेमारी कर दी जाती है।
सपा व्यापारियों के साथ: अखिलेश यादव
सपा अध्यक्ष ने भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी व्यापारियों के हक की लड़ाई में पूरी ताकत से साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में व्यापारी भाजपा की नीतियों के खिलाफ सपा का साथ देंगे।
निवेश और टैक्स सिस्टम पर सवाल
अखिलेश यादव ने प्रदेश की निवेश नीति और टैक्स सिस्टम पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि निवेश लाने के नाम पर एडवांस कमीशन की मांग की जा रही है, जिससे ईमानदार व्यापारी परेशान हैं। इसके अलावा झूठे जीएसटी नोटिस भेजकर व्यापारियों से ठगी की जा रही है।
अखिलेश यादव का यह बयान क्यों अहम है?
- व्यापारियों के मुद्दे पर लगातार विपक्ष सरकार को घेर रहा है
- भाजपा सरकार प्रदेश में बड़े निवेश और विकास के दावे कर रही है
- सपा 2027 के चुनावों की तैयारी में व्यापारी वर्ग को जोड़ने की कोशिश में है
निष्कर्ष
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाकर व्यापारियों के मुद्दे को चुनावी रंग देने की कोशिश की है। अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और व्यापारी वर्ग आगामी चुनाव में किसके साथ खड़ा होता है।