लखनऊ। अलीगढ़ स्थित राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटका नजर आ रहा है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़ से कई जिलों के दर्जनों कॉलेज जुड़े हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। इन छात्रों को मिलने वाली सरकारी छात्रवृत्ति में लंबे समय से देरी और अनदेखी की जा रही है।
मायावती का बड़ा बयान
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा:
“सरकारी स्तर पर छात्रवृत्ति के मामलों का समय पर समाधान नहीं हो पा रहा है। इससे हजारों दलित छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में है, जिससे समाज में बेचैनी और आक्रोश बढ़ रहा है।”
उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन द्वारा लगातार पत्राचार के बावजूद समाज कल्याण विभाग की असंवेदनशीलता और लापरवाही जारी है। इसका सीधा असर लगभग 3,500 दलित छात्रों पर पड़ रहा है, जिनकी शिक्षा खतरे में पड़ गई है।
सीएम योगी से बड़ी उम्मीद
मायावती ने इस समस्या के समाधान को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने कहा:
“सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से ही अलीगढ़ में यह विश्वविद्यालय स्थापित हुआ था। इसलिए उम्मीद है कि वे इस मामले में विशेष रुचि दिखाते हुए हजारों दलित छात्रों की इस गंभीर समस्या का तुरंत समाधान करेंगे।”
छात्रवृत्ति न मिलने से छात्रों में नाराजगी
छात्रों का कहना है कि बिना छात्रवृत्ति के पढ़ाई जारी रखना बेहद मुश्किल हो गया है। इससे न सिर्फ आर्थिक संकट बढ़ रहा है, बल्कि पढ़ाई छोड़ने की नौबत भी आ सकती है।
प्रमुख समस्याएं:
- छात्रवृत्ति वितरण में अनावश्यक देरी
- समाज कल्याण विभाग की लापरवाही
- विश्वविद्यालय और प्रशासन की अपीलों की अनदेखी
- छात्रों के भविष्य पर मंडराता खतरा
निष्कर्ष: क्या जल्द मिलेगा समाधान?
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार इस मुद्दे पर कितनी तेजी से कदम उठाते हैं। यदि समय रहते समाधान नहीं हुआ, तो इसका असर ना केवल छात्रों पर, बल्कि सरकार की छवि पर भी पड़ सकता है।