रिपोर्ट- वैभव चौधरी
रेत के अवैध कारोबार ने पकड़ी रफ्तार
छत्तीसगढ़ में रेत माफिया का नेटवर्क दिन पर दिन मजबूत होता जा रहा है। राजधानी रायपुर से सटे धमतरी जिले में भी अब यह माफिया पूरी तरह बेलगाम हो चुका है। खासकर महानदी और खारून नदी के किनारों पर अवैध रेत खनन जोरों पर है।
जहां एक ओर सरकार खनिज संपदा को संरक्षित रखने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की निष्क्रियता ने रेत माफिया को और अधिक ताकतवर बना दिया है।
दिनदहाड़े होती है रेत की चोरी
खास बात यह है कि यह अवैध कारोबार दिन के उजाले में सैकड़ों ट्रैक्टरों के जरिए किया जा रहा है। माफिया इतनी हिम्मत से रेत चोरी कर रहे हैं कि अब उन्हें किसी भी कार्रवाई का डर नहीं रह गया है।
खनिज विभाग की निष्क्रियता का फायदा उठाकर माफिया लगातार सरकारी राजस्व को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
ग्रामीणों की शिकायतें बेअसर
सेमरा बी गांव के ग्रामीण लगातार रेत चोरी की शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन खनिज विभाग या स्थानीय प्रशासन द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे ग्रामीणों में भी भारी आक्रोश है।
ट्रैक्टरों से होती है उगाही
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, प्रत्येक ट्रैक्टर से ₹400 की उगाही की जा रही है।
प्रतिदिन लगभग 350 से 400 ट्रैक्टरों से रेत निकाली जा रही है।
इस हिसाब से प्रतिदिन लाखों रुपए की अवैध कमाई हो रही है।
दूसरी ओर, प्रशासन को भी उतने ही राजस्व की हानि हो रही है।
क्या प्रशासन करेगा सख्त कार्रवाई?
इस मामले में धमतरी कलेक्टर ने कार्रवाई की बात कही है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या वाकई में रेत माफिया के इस नेटवर्क पर लगाम लगाई जाएगी या फिर यह खेल बदस्तूर चलता रहेगा।