वन विभाग ने बढ़ाई निगरानी
रायगढ़। रायगढ़ जिले में बाघ की मूवमेंट को लेकर हड़कंप मच गया है। पिछले पांच दिनों में बाघ ने जंगल के रास्ते करीब 100 किलोमीटर की दूरी तय की है। ताजा जानकारी के अनुसार, मंगलवार को लैलूंगा इलाके में उसके पंजों के निशान मिले हैं। इससे पहले यही निशान छाल और कोरबा इलाके में भी देखे गए थे।
कहां-कहां दिखे बाघ के निशान
- 1 अगस्त को कोरबा के पास पहली बार पंजों के निशान मिले।
- इसके दो दिन बाद छाल क्षेत्र में निशान दिखे।
- और अब लैलूंगा इलाके में ताजे फुटप्रिंट मिले हैं।
तीनों जगह मिले पंजों का साइज लगभग 16 सेंटीमीटर लंबा और 14 सेंटीमीटर चौड़ा पाया गया, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि एक ही वयस्क बाघ कोरबा से रायगढ़ जिले की ओर भ्रमण कर रहा है।
ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग सतर्क
बाघ की मौजूदगी की खबर से ग्रामीणों में मवेशियों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्याप्त है, जबकि वन विभाग ने इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है।
- अब तक बाघ को किसी ने प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा है।
- किसी बड़े शिकार के सबूत भी नहीं मिले हैं।
- रायगढ़ और धर्मजयगढ़ वन मंडल ने संयुक्त अभियान शुरू किया है।
अधिकारियों का बयान
रायगढ़ वन मंडल के डीएफओ अरविंद पी.एम. ने कहा—
“छाल और लैलूंगा क्षेत्र में मिले फुटप्रिंट से यह साफ है कि बाघ कोरबा से छाल और वहां से तमनार होते हुए लैलूंगा पहुंचा है। ट्रैकिंग में यह भी सामने आया है कि यह बाघ हमीरपुर से उड़ीसा की ओर मूवमेंट कर रहा है।”
उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक शेर (टाइगर) के वीडियो को रायगढ़ जिले का बताने से साफ इंकार करते हुए कहा—
“अभी तक किसी भी प्रकार से बाघ की मौजूदगी का कन्फर्मेशन नहीं हुआ है। फुटप्रिंट से केवल संभावना नजर आ रही है। लोग पैनिक न हों और अफवाहों से सतर्क रहें।”