BY: Yoganand Shrivastva
मध्य पूर्व में जंग की चिंगारियां शांत ज़रूर हुई हैं, लेकिन राख में अब भी चिंगारी सुलग रही है। इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग भले ही थम गई हो, लेकिन तनाव खत्म नहीं हुआ। अब इजरायल ने खुलकर ईरान को धमकी दी है। और यह चेतावनी किसी मामूली मुद्दे को लेकर नहीं, बल्कि परमाणु हथियारों की दिशा में बढ़ रहे ईरान के कदमों को लेकर है।
रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा है – “ईरान को तत्काल अपने एनरिच (संवर्धित) यूरेनियम को वापस करना होगा, वरना इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
क्या है एनरिच यूरेनियम का मामला?
बताया जा रहा है कि ईरान ने यूरेनियम को 60 प्रतिशत तक संवर्धित कर लिया है। यदि यह स्तर 90 प्रतिशत तक पहुंचता है तो यह सीधे तौर पर परमाणु हथियार बनाने के योग्य हो जाएगा। इजरायल और अमेरिका दोनों ही इसे वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं।
इजरायल का दावा है कि उसने हालिया हमलों में ईरान की ट्रांसफर फैसिलिटी और कई रणनीतिक ठिकानों को नष्ट किया है, ताकि वह यूरेनियम को परमाणु बम के लिए उपयोग न कर सके।
‘हमें नहीं पता ईरान ने यूरेनियम कहां छिपाया है’ – काट्ज
हालांकि, इजरायली रक्षा मंत्री ने यह भी स्वीकार किया है कि उन्हें अब तक इस बात की जानकारी नहीं है कि ईरान ने संवर्धित यूरेनियम को आखिर छिपा कहां रखा है। यह चिंता का सबसे बड़ा कारण बन गया है, क्योंकि यूरोपीय खुफिया एजेंसियों की मानें तो अधिकांश यूरेनियम स्टॉक सुरक्षित है और ईरान इसे गुप्त रूप से छिपाए हुए है।
खामेनेई थे इजरायल के निशाने पर!
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह रहा कि जंग के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई इजरायली सेना के टारगेट पर थे।
इजरायल के रक्षा मंत्री के मुताबिक, योजना बनी थी कि अगर मौका मिला तो खामेनेई को मार दिया जाएगा। लेकिन खामेनेई समय रहते एक बंकर में छिप गए और अपने सैन्य अधिकारियों से संपर्क तोड़ दिया, जिससे उन्हें ट्रैक करना संभव नहीं हो सका।
क्या ईरान चुपचाप बना रहा है परमाणु बम?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियारों की दिशा में बढ़ रहा है? इजरायल की इस चेतावनी के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब ईरान की अगली हरकत पर टिकी हैं।
नतीजा क्या होगा?
इजरायल की यह धमकी दर्शाती है कि भले ही युद्ध खत्म हो गया हो, लेकिन परमाणु संघर्ष की आहट अब भी ज़िंदा है। यदि ईरान अपने यूरेनियम स्टॉक को उजागर नहीं करता, तो अगली चिंगारी फिर से किसी बड़े विस्फोट में बदल सकती है।