रिपोर्टर: आगस्टीन हेम्बरम
झारखंड के दुमका जिले से बाल तस्करी की शिकार बच्चियों को नई दिल्ली से मुक्त कराकर बाल कल्याण समिति (CWC) दुमका के समक्ष प्रस्तुत किया गया। यह कार्रवाई उपायुक्त अभिजीत सिन्हा के निर्देश पर की गई, जिसमें सीआरसी (एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र), झारखंड भवन, नई दिल्ली की सहायता से अभियान चलाया गया।
प्लेसमेंट एजेंसी में बेची गई थीं बच्चियां
स्वयंसेवी संस्था जन साहस, दुमका द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई को सूचना दी गई थी कि जिले के मानव तस्करों द्वारा बच्चियों को दिल्ली की प्लेसमेंट एजेंसियों में बेच दिया गया है, जहां उनके साथ मारपीट और शोषण किया जा रहा है।
डीसी ने दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश
इस गंभीर सूचना को देखते हुए उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने तत्काल संज्ञान लेते हुए एडीएसएस और डीसीपीओ को बच्चियों की रिहाई के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। सहायक निदेशक, सुचिता किरण भगत के नेतृत्व में तत्काल जिला बाल संरक्षण इकाई की एक टीम गठित की गई।
दिल्ली से रेस्क्यू कर लाए गए 5 बच्चे
गठित टीम ने सीआरसी नई दिल्ली की सहायता से दिल्ली के विभिन्न बालगृहों से कुल पांच बच्चों को मुक्त कराया, जिनमें:
- 2 दुमका जिले के
- 2 साहेबगंज जिले के
- 1 पाकुड़ जिले का बच्चा शामिल है।
इन सभी बच्चों को CWC दुमका में प्रस्तुत कर आवश्यक प्रक्रिया के तहत बाल गृहों में सुरक्षित रूप से आवासित किया गया।
CWC ने बच्चों को घोषित किया CNCP
बाल कल्याण समिति (CWC) ने सभी प्रस्तुत बच्चों को Child in Need of Care and Protection (CNCP) घोषित करते हुए उनके पुनर्वास और सुरक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगला आदेश आने तक सभी बच्चे बाल गृहों में ही रहेंगे।
एक मानव तस्कर गिरफ्तार
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ने बताया कि बाल तस्करी मामले में एक मानव तस्कर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है तथा अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
टीम की भूमिका
इस ऑपरेशन में जिला बाल संरक्षण इकाई से दीपा साहू, प्रमिला टुडू, नैय्यर सुल्तान, और जन साहस से रविंद्र यादव व प्रेम मोहली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।