BY: Yoganand Shrivastva
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के आने से कहानियों की सीमाएं टूट चुकी हैं। अब मनोरंजन केवल भाषा और देश की दीवारों तक सीमित नहीं रहा। नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार और प्राइम वीडियो जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आए दिन कई कहानियां सामने आती हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी होती हैं जो दर्शकों के दिलो-दिमाग पर छा जाती हैं। ‘द रूकी’ (The Rookie) ऐसी ही एक सीरीज़ है, जो हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई है और देखते ही देखते IMDB पर 10 में से 8 रेटिंग हासिल कर ली है।
क्या है ‘द रूकी’ की कहानी?
ये कहानी एक 40 साल के आम इंसान से शुरू होती है जो अब तक ज़िंदगी में कई पेशे बदल चुका है, लेकिन किसी में भी टिक नहीं पाया। एक दिन वह एक बैंक में अपने काम से पहुंचता है और तभी बैंक पर लुटेरों का हमला हो जाता है। लेकिन वह शख्स अपनी चतुराई और सूझबूझ से हालात पर काबू पा लेता है और बैंक लूट को नाकाम कर देता है।
इस बहादुरी के बाद उसकी जिंदगी एक नया मोड़ लेती है। वह लॉस एंजेलेस पुलिस डिपार्टमेंट के ट्रेनी प्रोग्राम में भर्ती हो जाता है। अब कहानी पहुंचती है पुलिस ट्रेनिंग के उस मोड़ पर, जहां वह एक ‘रूकी’ यानी नया सिपाही बनकर अपराध की भयावह दुनिया का सामना करता है।
चिरकुट चोरों से लेकर खतरनाक हत्यारों तक की कहानी
जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ती है, दर्शक चिरकुट टाइप चोरों की कहानियों से होते हुए ऐसे खूंखार अपराधियों की दुनिया में पहुंचते हैं, जिनकी कल्पना भी डर पैदा करती है। सीरीज का मुख्य किरदार, अब एक पुलिसवाला बन चुका है, जो न केवल अपराधियों को पकड़ता है बल्कि सहानुभूति और मानवता का दृष्टिकोण भी अपनाता है। वह केवल अपराध नहीं देखता, बल्कि अपराधियों की परिस्थितियों और उनके दर्द को भी समझता है।
ड्रग माफिया और हिंसक अपराधों का असली चेहरा
इस शो में नशे के काले कारोबार का भी गहरा चित्रण किया गया है। लॉस एंजेलेस के अंदर चल रहे ड्रग सिंडिकेट्स, सड़क पर हो रही हत्याएं, महिलाओं का शोषण और झुग्गियों में पल रही काली दुनिया – सब कुछ इतनी बारीकी से दिखाया गया है कि यह सीरीज डॉक्यूमेंट्री जैसी प्रतीत होती है।
यह दिखाया गया है कि जो अपराध आम जनता को झकझोर देते हैं, वही पुलिस के लिए हर दिन की ड्यूटी बन चुके हैं। सीरीज इन मुद्दों पर कहीं भी उपदेश नहीं देती, बल्कि उन्हें ईमानदारी से पेश करती है।





