रिपोर्ट- लोकेश सिन्हा
गरियाबंद। कांग्रेस शासनकाल में शुरू किए गए महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क (RIPA) की हालत वर्तमान में दयनीय हो गई है। सत्ता परिवर्तन के बाद प्रशासन की उदासीनता के कारण इन सेंटरों का संचालन ठप पड़ता जा रहा है। जिले में लगभग 15 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 5 से ज्यादा RIPA सेंटर स्थापित किए गए थे, जिनका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना था।
महिला समूहों ने उठाया था आगे बढ़ने का बीड़ा
इन RIPA केंद्रों में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत दर्जनों महिला समूहों ने अतिरिक्त ऋण लेकर पैकेजिंग, सिलाई और महुआ प्रोसेसिंग जैसे काम शुरू किए थे। ये महिलाएं अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन अब इन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
बिजली बिल नहीं चुका पाए, मशीनें बंद, काम ठप
मैनपुर के RIPA सेंटर में बिजली बिल का करीब 1.20 लाख रुपये बकाया है, जिसकी वजह से बिजली विभाग ने कनेक्शन काट दिया। बिजली कटने के बाद मशीनें बंद हो गईं और पैकेजिंग, सिलाई समेत अन्य काम पूरी तरह से ठप हो गए।
रख-रखाव के अभाव में महुआ चोरी
महिला समूहों ने महुआ खरीदी कर रखा था, लेकिन देखरेख के अभाव में लगभग ढाई लाख रुपये मूल्य का महुआ चोरी हो गया। यह घटना समूह की मेहनत पर पानी फेरने जैसी रही।
जनप्रतिनिधियों ने उठाई आवाज, पंचायत के अधीन करने की तैयारी
चोरी की घटना के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने RIPA सेंटरों की बदहाली पर चिंता जताई और प्रशासन से ध्यान देने की मांग की। अब प्रशासन इन सेंटरों को पंचायत के अधीन सौंपने की तैयारी कर रहा है, ताकि इनका समुचित संचालन हो सके।