हजारीबाग।
सहारा इंडिया में निवेश करने वाले करोड़ों निवेशकों और लाखों अभिकर्ताओं की पीड़ा आखिरकार संसद तक पहुंच गई। हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने संसद के शीतकालीन सत्र में इस गंभीर मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाते हुए केंद्र सरकार से लंबित राशि के निपटान की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की।
निवेशकों और अभिकर्ताओं की परेशानी पर चिंता
सांसद जायसवाल ने कहा कि सहारा इंडिया में निवेश करने वाले गरीब, मजदूर, किसान और आम परिवारों के लोग थे, जिन्होंने अपनी छोटी-छोटी बचत यहां जमा की थी। उनका उद्देश्य बच्चों की शिक्षा, शादी-ब्याह और घर बनाने जैसे जीवन के महत्वपूर्ण कार्य पूरे करना था।
लेकिन भुगतान की प्रक्रिया वर्षों से लंबित रहने के कारण ये लोग भारी संकट में हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि निवेशकों के साथ-साथ लाखों अभिकर्ता भी मानसिक दबाव झेल रहे हैं। वे लोगों को आश्वासन देते रहे कि उनकी राशि वापस दिलवाई जाएगी, जबकि हकीकत में वे खुद असमंजस की स्थिति में हैं।
केंद्र सरकार की पहल का स्वागत
सांसद मनीष जायसवाल ने सहारा इंडिया के पैसे जब्त करने की केंद्र सरकार की पहल का स्वागत किया, लेकिन साथ ही आग्रह किया कि इस प्रक्रिया को तेज किया जाए ताकि निवेशकों और अभिकर्ताओं को तत्काल राहत मिल सके।
लगातार सक्रिय हैं सांसद
सांसद जायसवाल अब तक संसद में 14 प्रश्न रख चुके हैं और वे देश व अपने संसदीय क्षेत्र से जुड़े अहम मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सहारा इंडिया प्रकरण सिर्फ एक आर्थिक मुद्दा नहीं है, बल्कि करोड़ों परिवारों की उम्मीदों और जीवनयापन से जुड़ा सवाल है।
राहत की उम्मीद
सांसद ने सरकार से अपील की कि सहारा इंडिया के लंबित भुगतान की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल निवेशकों को राहत देगा बल्कि अभिकर्ताओं को भी मानसिक बोझ से मुक्त करेगा।