BY: Vijay Nandan
होली का नाम सुनते ही सबसे पहले उत्तर प्रदेश की होली का जलवा आंखों के सामने आ जाता है। यहां होली सिर्फ गुलाल और रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि पूरे जोश, मस्ती, ठिठोली और परंपराओं का ऐसा संगम है, जो देखने लायक होता है। यूपी में हर शहर की अपनी अलग ही रंगत होती है—कहीं आठ दिन तक होली खेली जाती है, तो कहीं जूते-चप्पलों की होली होती है। कहीं महिलाएं बारात निकालती हैं, तो कहीं चिता भस्म से खेली जाती है होली। तो आइए, जानते हैं यूपी की होली की कुछ मजेदार और अनोखी परंपराओं के बारे में!
कानपुर: आठ दिन तक होली का हुड़दंग!
कानपुर में होली का मतलब एक दिन का मजा नहीं, बल्कि पूरे आठ दिन का धमाल होता है। इसे ‘गंगा मेले की होली’ कहते हैं। इस परंपरा की शुरुआत 1857 की क्रांति के बाद हुई थी, जब क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों की हार के जश्न में आठ दिन तक रंग खेला था। तब से लेकर आज तक, यहां होली का नशा आठ दिन तक सिर चढ़कर बोलता है।
शाहजहांपुर: जूतों वाली होली!
अब होली में भांग, ठिठोली और रंग तो सब जगह होते हैं, लेकिन शाहजहांपुर की ‘जूतम-पैजार होली’ का कोई जवाब नहीं! यहां लोग मजाक-मजाक में एक-दूसरे पर जूते-चप्पल बरसाते हैं और फिर गले मिलकर मिठाई खिलाते हैं। यानी प्यार भी, मस्ती भी और ठिठोली भी।

देवा शरीफ: यहां रंगों में गंगा-जमुनी तहजीब घुली है
बाराबंकी के देवा शरीफ दरगाह में होली की जो रंगत होती है, वो गंगा-जमुनी तहजीब की सबसे खूबसूरत मिसाल है। यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों मिलकर गुलाल उड़ाते हैं, ढोल-नगाड़ों की धुन पर नाचते हैं और भाईचारे का संदेश देते हैं। यानी होली सिर्फ मस्ती का ही नहीं, बल्कि मोहब्बत का भी त्योहार है।
पीलीभीत: यहां महिलाओं की चलती है हुकूमत!
पीलीभीत की होली में महिलाओं का दबदबा रहता है। इस दिन महिलाएं पुरुषों को रंग से सराबोर कर देती हैं, डंडों से हल्की-फुल्की मार लगाकर मजाक करती हैं और पूरे गांव में मस्ती का माहौल बना रहता है। यहां की होली बताती है कि होली सिर्फ पुरुषों की नहीं, बल्कि महिलाओं की भी मस्ती का त्योहार है।
हमीरपुर: जब महिलाएं निकालती हैं अपनी बारात!
हमीरपुर में होली पर ‘महिलाओं की बारात’ निकाली जाती है। इस दिन महिलाएं दूल्हा-दुल्हन के गेटअप में सज-धजकर निकलती हैं, नाचती-गाती हैं और होली खेलती हैं। यह परंपरा हास्य-व्यंग्य और मनोरंजन से भरपूर होती है, जिसमें पूरा गांव झूम उठता है।
प्रयागराज: यहां निकलती है हथौड़े की बारात!
अब तक आपने फूलों की बारात, बैंड-बाजों वाली बारात देखी होगी, लेकिन प्रयागराज में होली पर ‘हथौड़े की बारात’ निकलती है। इसमें लोग अजीबो-गरीब कपड़े पहनकर, बड़े-बड़े हथौड़े लेकर सड़क पर नाचते-गाते चलते हैं। इस दौरान हंसी-मजाक और व्यंग्य से भरे गाने गाए जाते हैं, जो होली के रंग में और भी जोश भर देते हैं।

बनारस: मसाने की होली—जब शिवभक्त खेलते हैं चिता भस्म से!
अब अगर आपको लगे कि यूपी में इससे अनोखी कोई होली नहीं होगी, तो जरा बनारस की ‘मसाने की होली’ देख लीजिए! यहां शिव भक्त और अघोरी बाबा चिता की भस्म से होली खेलते हैं। यह परंपरा बताती है कि मृत्यु भी एक उत्सव है और हमें हर पल को आनंद से जीना चाहिए। बनारस की होली में हर-हर महादेव के जयकारों के साथ जोश और भक्ति दोनों का अनोखा संगम देखने को मिलता है।
यूपी की होली है सबसे निराली!
अब मान गए ना कि यूपी की होली जितनी मजेदार और अनोखी है, उतनी कहीं नहीं मिलती! यहां होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि परंपराओं, मस्ती, ठिठोली, भाईचारे और भक्ति का अनोखा संगम है। कहीं आठ दिन तक जश्न, कहीं जूतों की होली, कहीं महिलाओं की बारात तो कहीं चिता भस्म की होली—यूपी की होली हर रंग में खास है।
तो इस बार अगर होली पर कुछ अलग और मजेदार अनुभव करना है, तो यूपी के इन शहरों में जरूर जाइए और रंगों की इस बहार में पूरी तरह डूब जाइए!
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