संवाददाता: अविनाश चंद्र
जहरीली गैस के बीच चोरी का खतनाक खेल जारी
कोरबा (एमसीबी) जिले के अंतर्गत आने वाले कोयलांचल नगरी चिरमिरी के बरतुंगा क्षेत्र में वर्षों पूर्व बंद की गई खदानों में एक बार फिर जानलेवा गतिविधियों ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। बरतुंगा की एक बंद खदान, जो जहरीली गैसों के रिसाव के चलते एसईसीएल प्रबंधन द्वारा वर्षों पहले बंद कर दी गई थी, आज फिर खतरनाक गतिविधियों का केंद्र बन चुकी है।
स्वदेश न्यूज़ की टीम जब ग्राउंड जीरो पर पहुँची, तो वहाँ का दृश्य चौंकाने वाला था। खदान के मुहाने से जहरीली गैसों का रिसाव स्पष्ट देखा गया, और उसके बावजूद कुछ अज्ञात चोर खदान की दीवार में सुराख कर अंदर दाखिल हो रहे थे। इन चोरों का मकसद है खदान के भीतर बचे हुए तांबे के मोटे केबल और अन्य कीमती उपकरणों की चोरी करना।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, खदान के भीतर कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य जहरीली गैसों की मौजूदगी के कारण एसईसीएल ने बरसों पहले इसे बंद कर दिया था। खदान के मुहाने को सील किया गया था, लेकिन चोरों ने स्टॉपिंग की गई दीवार को तोड़कर एक बड़ा सुराख बना लिया, जिससे वे बार-बार अंदर घुसकर चोरी को अंजाम दे रहे हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि खदान के आसपास ऑक्सीजन की भारी कमी है, और इसके बावजूद चोर जान जोखिम में डालकर गैस मास्क या अन्य सुरक्षा उपकरणों के बिना खदान में प्रवेश कर रहे हैं। यह न केवल उनकी जान को खतरे में डालता है, बल्कि स्थानीय निवासियों और प्रशासन के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
यदि एसईसीएल चिरमिरी प्रबंधन और एमसीबी जिला प्रशासन ने शीघ्र ही खदान के इस खुले मुहाने को सील नहीं किया, तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है या फिर समय रहते कार्रवाई की जाएगी?
स्वदेश न्यूज़ की यह रिपोर्टिंग सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है प्रशासन के लिए, ताकि समय रहते सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं और इन खतरनाक चोरी की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।