संवाददाता: प्रताप सिंह बघेल, मुरैना
मुरैना ज़िले में इस समय खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। अम्बाह, पोरसा, जौरा और कैलारस तहसीलों सहित जिला मुख्यालय पर भी हालात इतने बिगड़ गए हैं कि किसान दो बोरी खाद के लिए रात दो बजे से लाइन में खड़े होकर रतजगा कर रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है।
किसानों का आरोप है कि सोसायटियों में खाद की कालाबाज़ारी हो रही है। यही कारण है कि जहाँ सरकारी सोसायटियों पर खाद नहीं मिल रहा, वहीं बाज़ार की निजी दुकानों पर यही खाद महंगे दामों में आसानी से मिल रहा है।
सरसों बोवनी का समय, लेकिन खाद का संकट
सितंबर की शुरुआत के साथ ही सरसों बोवनी का समय आ गया है। किसानों को इस समय अधिक मात्रा में खाद की आवश्यकता होती है, लेकिन सोसायटी संचालक आधार कार्ड देखकर केवल दो बोरी प्रति किसान ही दे रहे हैं। सुबह सात बजे तक सोसायटी के बाहर इतनी लंबी लाइन लग जाती है कि खाद लेना मुश्किल हो जाता है। भीड़-भाड़ से बचने के लिए किसान रात दो बजे से ही सोसायटी के बाहर लाइन लगाकर बैठ जाते हैं।

किसानों का कहना है कि सोसायटी के कर्मचारी निर्धारित समय से देर से आते हैं और मनमर्जी से वितरण करते हैं। 10:30 बजे के बाद खिड़की खोलते हैं और एक-दो घंटे में ही वितरण बंद कर देते हैं। कभी “सर्वर डाउन” तो कभी “खाद खत्म” बताकर किसानों को लौटा दिया जाता है। इससे रवि फसल के लिए खाद का संकट गहराता जा रहा है।
किसानों के मुताबिक खरीफ की फसल पहले ही प्राकृतिक आपदा से नष्ट हो चुकी है और अब रवि फसल भी सोसायटी संचालकों की मुनाफाखोरी की वजह से प्रभावित होने की कगार पर है।
किसानों की व्यथा
शारदा देवी (किसान, मटकोरा):
“बीमार होने के बाद भी खाद के लिए लाइन में खड़े हैं, फिर भी खाद नहीं मिल रही। सोसायटी वाले बड़े लोगों को बेच रहे हैं। बाज़ार में गुप्त तरीके से खाद मिल रहा है। अब हम क्या करें, मर जाएँ?”
नरेश सिंह (किसान, अधन पुर):
“खाद के लिए दो दिन से बिना कलेऊ के आ रहे हैं, फिर भी खाद नहीं मिल रही। सोसायटी वाले पैसेवालों को खाद बेच रहे हैं। जौरा रोड पर ब्लैक में यूरिया की बोरी 500 रुपये में मिल रही है, जबकि सोसायटी पर 275 की आती है।”
रामवीर सिंह (किसान):
“रात दो बजे से भूखे-प्यासे लाइन में खड़े हैं, फिर भी खाद नहीं मिल रही। सोसायटी वाले पैसेवालों को खाद दे रहे हैं। यहाँ से ट्रैक्टर-ट्रॉलियाँ भरकर खाद जा रही हैं लेकिन किसानों को नहीं मिल रही। सोसायटी से खाद ब्लैक हो रहा है।”
कृषि मंत्री ने मानी वितरण में गड़बड़ी
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना ने कहा, “जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। सभी जगह पर्याप्त मात्रा में खाद रखा हुआ है। सोसायटियों पर वितरण व्यवस्था ठीक नहीं है। इस वजह से किसानों को थोड़ी परेशानी हो रही है। वैसे किसानों को कोई दिक्कत नहीं है, सिर्फ कांग्रेस के हमारे कुछ दोस्त परेशान हो रहे हैं।”
खाद वितरण की अव्यवस्था के कारण मुरैना ज़िले के किसान गहरी परेशानी में हैं। रातभर लाइन में खड़े होने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा, जबकि निजी बाज़ार में महंगे दामों पर आसानी से उपलब्ध है। कृषि मंत्री ने खाद की कमी न होने का दावा किया है, लेकिन ज़मीनी हालात किसानों की मुश्किलें बयां कर रहे हैं।
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