रिपोर्टर:- सुधीर वर्मा
दंतेवाड़ा और बीजापुर के सीमावर्ती इलाके में हुई मुठभेड़ में झीरम घाटी हत्याकांड के मास्टरमाइंड को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर से राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है और झीरम घाटी कांड को लेकर विभिन्न दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
कांग्रेस ने उठाए जांच पर सवाल
पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि— “जानकारी मिली है कि झीरम घाटी हत्याकांड को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड सुरक्षा बलों के हाथों मारा गया है, लेकिन इससे यह मामला खत्म नहीं होता। जरूरी है कि इस पूरे घटनाक्रम की गहराई से जांच हो। सरकार इस पर मौन क्यों है? समग्र जांच क्यों नहीं हो रही?” उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ मास्टरमाइंड के मारे जाने से मामला समाप्त नहीं हो सकता, बल्कि इसके पीछे के सभी पहलुओं की जांच होनी चाहिए।
राज्यमंत्री तोखन साहू का दावा— 2026 तक नक्सल मुक्त प्रदेश
वहीं, इस मुद्दे पर प्रदेश के राज्यमंत्री तोखन साहू ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि— “देश के गृह मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि 2026 तक पूरा देश नक्सल मुक्त होगा, और इसी दिशा में छत्तीसगढ़ भी आगे बढ़ रहा है। हमारे सुरक्षा बल लगातार बड़े अभियान चला रहे हैं और यह कार्रवाई उसी का हिस्सा है।”
उन्होंने आगे कहा— “हमारे जवानों की वीरता और समर्पण से 31 मार्च 2026 तक पूरा प्रदेश नक्सल मुक्त हो जाएगा। जल्द ही इस दिशा में और भी ठोस कदम उठाए जाएंगे, जिससे छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त किया जा सके।”
झीरम घाटी हत्याकांड के मास्टरमाइंड के मारे जाने के बाद जहां एक ओर सरकार इसे बड़ी सफलता बता रही है, वहीं विपक्ष समग्र जांच की मांग कर रहा है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और प्रदेश को नक्सल मुक्त बनाने का दावा हकीकत में कब पूरा होता है।
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