BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली : कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी इन दिनों सर गंगा राम अस्पताल, दिल्ली में भर्ती हैं। उन्हें पेट से जुड़ी तकलीफों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल प्रबंधन ने उनकी सेहत को लेकर आधिकारिक हेल्थ बुलेटिन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उनकी स्थिति स्थिर है, लेकिन फिलहाल उन्हें अस्पताल से छुट्टी देने की तारीख तय नहीं की गई है।
इलाज से हो रहा है लाभ, लेकिन निगरानी में रहेंगी सोनिया गांधी
78 वर्षीय सोनिया गांधी को रविवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. अजय स्वरूप ने बयान जारी करते हुए बताया कि,
“सोनिया गांधी की हालत फिलहाल स्थिर है। पेट के संक्रमण से उबरने के लिए उनका इलाज चल रहा है और चिकित्सा प्रक्रिया का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है।”
उनके खानपान और दवाओं पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। डॉ. एस. नंदी और डॉ. अमिताभ यादव की निगरानी में एक विशेषज्ञों की टीम उनकी सेहत की लगातार निगरानी कर रही है।
हाल ही में की गई थी मेडिकल जांच
गौरतलब है कि इससे पहले 9 जून को सोनिया गांधी ने इसी अस्पताल में चेकअप कराया था। उससे दो दिन पहले, शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में भी उन्हें उच्च रक्तचाप की शिकायत के बाद कुछ जांचें करानी पड़ी थीं। दिल्ली में उन्हें गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में रखा गया है।
सोनिया गांधी: एक संक्षिप्त परिचय
- सोनिया गांधी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष हैं।
- उनका जन्म 9 दिसंबर 1946 को लुसियाना (इटली) में हुआ था और शिक्षा उन्होंने इंग्लैंड के कैम्ब्रिज में ग्रहण की।
- 1968 में उन्होंने राजीव गांधी से विवाह किया और इसके बाद भारतीय नागरिकता प्राप्त की।
कांग्रेस अध्यक्ष बनने की कहानी
- 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया को कांग्रेस नेतृत्व का प्रस्ताव दिया गया, जिसे उन्होंने शुरू में अस्वीकार कर दिया।
- 1997 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष बनीं।
- वे पार्टी की सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाली नेता रहीं — 1998 से 2017 और फिर 2019 से 2022 तक (अंतरिम अध्यक्ष के रूप में)।
- उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने 2004 और 2009 में आम चुनाव जीते और UPA सरकार का गठन किया।
- 2004 में कांग्रेस की जीत के बाद उन्होंने स्वयं प्रधानमंत्री बनने से इनकार किया और डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री चुना गया।